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वैक्सीनेशन के बाद होने वाले संभावित प्रतिकूल परिणामों पर सरकार की नजर, जल्द ही AEFI गाइडलाइंस जारी करेगी

वैक्सीनेशन के बाद होने वाले संभावित प्रतिकूल परिणामों पर सरकार की नजर, जल्द ही AEFI गाइडलाइंस जारी करेगी

by Sneha Shukla

कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद कुछ लोगों में प्रतिकूल परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को विभाजित किए जाने के बाद होने वाले प्रतिकूल परिणामों को लेकर भी दिशानिर्देश जारी करने जा रहा है। प्रतिकूल घटनाओं के बाद टीकाकरण (AEFI) यानि, टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं को लेकर जारी की जाने वाली ये दिशानिर्देश डॉक्टरों और कोविड वैक्सीन लेने वालों दोनों के लिए फायदेमंद रहेंगे। कोविड का वैक्सीन के लिए जाने के बाद अगर किसी व्यक्ति में असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं तो ये दिशानिर्देश उन लक्षणों को समझने में उसकी मदद करेंगे। डॉ। इस गाइडलाइ के साथ ये समझेंगे की मरीज में दिखाई देने वाले लक्षण कितने गंभीर या घातक हैं। कुछ रोगियों में वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के बनने जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं। कई देशों में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लगाए जाने के बाद इस तरह की समस्याएं सामने आईं हैं।

पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के मामले काफी कम हैं

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के डायरेक्टर डॉ। रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना की वैक्सीन के बाद रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या गिरने, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया) के मामले भारत में कम ही देखने को मिले हैं। कोरोना वैक्सीन के कारण पैदा हुए साइड इफेक्ट्स भी पश्चिमी दुनिया की तुलना में भारत सहित एशियाई देशों में तुलनात्मक रूप से काफी कम हैं। हालांकि उनका मामना है कि टीकाकरण (AEFI) की ट्रीटमेंट गाइडलाइन बनाने में कोई परेशानी नहीं है। उम्मीद है कि ये गाइडलाइन इस सप्ताह जारी की जा सकती है।

गाइडलाइन से डॉक्टरों को मदद मिलेगी

टीकाकरण के बाद होने वाली परेशानियों को 3 कैटेगिरीज में बांटा जा सकता है। इन श्रेणियों को मामूली, गंभीर व बहुत गंभीर कहा जा सकता है। मामूली परेशानियों को तहत वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति तो हल्के बुखार, बदनदर्द, घबराहट, इंजेक्शन लगाए जाने वाली जगह पर सूजन, सिरदर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोगों को इसी प्रकार की परेशानियां ज्यादा होती हैं जैसे तेज बुखार, तेज बदनदर्द इत्यादि। लेकिन बेहद गंभीर मामलों में ब्लड क्लॉटिंग जैसी समस्याएं आती हैं। ये समस्याएं स्थाई हो सकती हैं जिनमें रोगी को अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ सकता है। टीकाकरण (AEFI) गाइडलाइन बनाए रखने के बाद प्रतिकूल घटनाओं के बाद वैक्सीन लेने वालों और संबंधित डॉक्टरों दोनों को ही इस प्रकार की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।

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