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सऊदी अरब ने बढ़ाए कच्चे तेल के दाम, अब भारत उठाने जा रहा है ये कदम

सऊदी अरब ने बढ़ाए कच्चे तेल के दाम, अब भारत उठाने जा रहा है ये कदम

by Sneha Shukla

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भारतीय रिफाइनरी कंपनियां अगले महीने सऊदी अरब से कम कच्चे तेल की खरीद करेंगी। कोविद -19 संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच ईंधन की मांग घटी है। कच्चे तेल की खरीद में विविधीकरण के लिए भारतीय कंपनियों पश्चिम एशिया के बाहर से आपूर्ति बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और तीन अन्य रिफाइनरी कंपनियों ने मई में सऊदी अरब से 1.5 करोड़ डॉलर के मासिक औसत की तुलना में सिर्फ 65 प्रतिशत की खरीद करने का फैसला किया है। इस मामले की जानकारी रखने वाले तीन लोगों ने यह सूचना दी है।

सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमत बढ़ा दी है

इधर, सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि कर दी है। रविवार को सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी आरामको ने एशिया के लिए एशिया की आधिकारिक बिक्री पुरस्कार में संशोधन की घोषणा कर दी है। खास बात ये है कि आरामको ने यूरोप के लिए तेल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। मई महीने के लिए तेल की आधिकारिक बिक्री पुरस्कार में की गई वृद्धि इस बात का संकेत है कि दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े आउटलेट पर भारत द्वारा सऊदी अरब के पुनरारंभ को कम करने की योजना का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।

भारत ने सऊदी से कहा- उठे कच्चे तेल का खादर

भारत ने सऊदी अरब से कीमतों पर अंकुश रखने के लिए कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध किया था। सऊदी अरब ने भारत के इस अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया था। इसके बाद भारत सरकार ने पिछले महीने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से पश्चिम एशिया से बाहर से आपूर्ति पर ध्यान देने को कहा।

सूत्रों ने बताया कि आईओसी और अन्य रिफाइनरी कंपनियां सऊदी अरब या ओपेक देशों से निश्चित मात्रा के अनुबंध के स्थान पर इंटर या मौजूदा बाजार से अधिक अनिश्चित तेल खरीदने का प्रयास कर रही हैं। अपने इन प्रयासों के तहत कंपनियों ने गुयाना से बारे में कहा कि नए कच्चे तेल को जोड़ा गया है। इसके अलावा खरीद बढ़ाने के लिए भारतीय कंपनियों की निगाह अमेरिका पर भी है। सूत्रों ने बताया कि आईओसी ने पश्चिम अफ्रीका, अमेरिका और कनाडा से कच्चे तेल की खरीद के लिए विदेशी निविदा निकाली है।

ओपेक देशों से कम तेल की खरीद हो रही है

भारत की अप्रैल, 2020 से फरवरी, 2021 के दौरान ओपेक देशों से कच्चे तेल की खरीद घटकर 74.4 प्रतिशत रह गई है। एक साल पहले समान अवधि में यह 79.6 प्रतिशत था। भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत से पूरा करता है। फरवरी में पेट्रोल और डीजल के मूल्य रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं जिससे महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था पर जोर बढ़ा है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ओपेक और ओपेक से जुडे देशों से कीमतों पर अंकुश के लिए कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने की अपील करते रहे हैं। लेकिन सऊदी अरब ने इसके बजाय भारत को सलाह दी है कि वह उस तेल का इस्तेमाल करे जो एक साल पहले उसने कीमत काफी नीचे आने पर चित्रित किया था और उसका भंडारण किया था।

ये भी पढ़ें: सऊदी अरब ने उठे कच्चे तेल के दाम, भारत की अपील को दरकिनार किया



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