Home » सचिन वाझे के सहयोगी API रियाजुद्दीन काजी को NIA ने एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में किया गिरफ्तार
सचिन वाझे के सहयोगी API रियाजुद्दीन काजी को NIA ने एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में किया गिरफ्तार

सचिन वाझे के सहयोगी API रियाजुद्दीन काजी को NIA ने एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या मामले में किया गिरफ्तार

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> एंटीलिया कांड और मनसुख हत्या की जांच कर रही एनआईए ने इस मामले में पहले से गिरफ्तार सचिन वाजे के सहयोगी रह चुके रियाजुद्दीन काजी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि काजी ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जैसे कि सबूत मिटाना, मामले की जानकारी होती हुई भी साथ देना।

क्या आरोप है काजी पर? < br />
एनआईए के सूत्रों ने बताया कि रियाजुद्दीन का जी को हर उस बात का पता था जो सचिन वाज़े ने किया है और उसकी गिरफ्तारी अहम बताई जा रही हैं।

चार्ज नंबर 1- मिटाई थी। ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया था क्योंकि 17 फरवरी को मनसुख की स्कॉर्पियो विक्रोली से लेने के बाद उसे साकेत सोसाइटी में खड़ी की गई थी। और यही बात जांच एजेंसियों को पता ना चली इसलिए उस सोसाइटी का एसआर के बारे में फुटेज नष्ट हो गया।

इतना ही नहीं उस बटनआर के बारे में अपने पंचनामे तक में उसका जिक्र नहीं किया गया था। बात तब सामने आई जब साकेत सोसाइटी के लोगों ने इस बात की जानकारी अपने लोकल पुलिस स्टेशन को दी थी।

चार्ज नंबर 2

वाज़े के इस गुर्गे ने साकेत सोसाइटी की पेंटआर लेने के बाद थाने में स्थित मनसुख के कार्यालय के पास के नंबर प्लेट बनाने वाले जुलाई का भी लोड आर अपने कब्जे में ले लिया था।

शुल्क नंबर

रियाजुद्दीन का जी इसके बाद विक्रोली के कन्नमवार नगर इलाके में स्थित बंटी रेडियम शॉप पर गया था जहां पर नंबर प्लेट बनाये जाते हैं और उसने वहां से भी दुकान का सोनाआर अपने कब्जे में ले लिया था और फिर उस एलआर को ना जाने कहां गायब कर दिया गया था कि वह दुबारा से उस दुकानदार को नहीं मिला। हाल ही में जब मीठी नदी में तैराकों के मदत से तलाशी ली गयी तो कई पीडीएफ, एक लैपटॉप और एक सीपीयू बरामद हुआ बताया जाता है कि ये वही शराब आर थे, जिसे काजी ने अपने कब्जे में लिया था और बाद में उसे नष्ट करने की कोशिश की। की गई थी।

शुल्क नंबर 4

यह सबसे महत्वपूर्ण शुल्क बताया जाता है कि एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें महाराष्ट्र अटार्नी से सबूत यह मामला पीसीओवर लेते समय मिले थे। सबूतों के मुताबिक जांच में पता चला था कि 6 मार्च के दिन सचिन वाज़े और रियाजुद्दीन का जी एक औडी में बैठकर मुम्बई के नागपाड़ा इलाके में गए थे।

और नागपाड़ा जाते दोनों लोगों से एक शख्स से मिलने को जो। उस वाज़े के परिचित ने कहा है और इन लोगों ने उस शख्स से एक बोटल में पेट्रोल और एक गुड़री ली थी। एनआईए ने इस फरारी को वैरीफाई करने के लिए उस शख्स का बयान दर्ज किया है जिसके बयान के आधार पर ही यह पता चला है। आपको बता दें कि एनआईए को एक मर्सिडीज़ से पेट्रोल की बोतल, शराबड़ी मिली थी।

कौन है ये दवा प्रिंसुद्दीन काजी?

प्रिंट प्रिज़्यूडिन का जीजी 102 सलाखों का पुलिस अधिकारी वर्ष 2010 में एमपीएससी की परीक्षा पास कर वह रिक्रूट हुआ था। पहली पोस्टिंग वर्सोवा पुलिस स्टेशन में पीएसआई के पद पर हुई थी जहां प्रोबेशन पीरियड पर काम किया गया था। कुछ साल वर्सोवा पुलिस स्टेशन में काम करने के बाद उसका ट्रांसफर एंटी चैन साराशिंग स्कॉड में हुआ था।
उसके बाद रियाजुद्दीन का ट्रांसफर कैंयू में हुआ और एन्टोलिया कांड में जब सबूतों मिटे और कोस्पिरेसी का हिस्सा होने का। आरोप लगाया गया। जिसके बाद रियाजुद्दीन का जी का ट्रांसफर लोकल आर्म्स में कर दिया गया था।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment