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सरकार के साथ बातचीत को तैयार हुए किसान, राकेश टिकैत बोले- बात कृषि कानूनों को रद्द करने पर होगी

by Sneha Shukla

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि तीन विवादित कृषि कानूनों पर किसान संघ केंद्र सरकार के साथ बात करने को तैयार हैं, लेकिन चर्चा इन कानूनों को रद्द करने के बारे में होगी। हरियाणा के भिवानी जिले के प्रेम नगर गांव में किसान पंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि किसानों को अपना आंदोलन लंबे समय तक जारी रखना है लेकिन वे निश्चित रूप से बिना जीत के अपने घर नहीं जाएंगे।

हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी सरकार पर को विभाजित -19 की स्थिति से सामना में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए कहा, जिन मरीजों को ऑक्सीजन और अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे हैं, उन्हें भाजपा के सांसदों और विधायकों के घर ले जाना चाहिए। हाल के महीनों में हरियाणा में कई किसान पंचायतों को संबोधित करने वाले टिकैत ने कहा कि किसान राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर पांच महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, लड़ाई लंबी चलेगी, कितने महीने चलेगी, कोई नहीं जानता। लेकिन एक चीज़ तय है कि किसान इसे बिना जीते वापस नहीं जाएगा।

टिकैत ने यह भी कहा कि आंदोलन को पूरे देश का समर्थन मिला, जिसमें मार्कर, युवा और अन्य वर्ग शामिल हैं। बीकेयू नेता ने कहा कि अगर सरकार संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बातचीत करने चाहती है तो वे तैयार हैं। उन्होंने कहा, जब सरकार बातचीत करेगी चाहेगी, तब संयुक्त किसान मोर्चा बात करेगा। लेकिन अगर सरकार इन कानूनों को 18 महीने के लिए निलंबित करने जैसी चीजों पर अड़ी रही तो कोई बातचीत नहीं होगी। हम दृढ़ हैं कि उन्हें ये कानून वापस लेना होगा और कोई भी बात इसी बिंदु से शुरू होगी।

टिकैत ने पंचायत में कहा कि प्रदर्शनकारी किसान अपना आंदोलन मांगें पूरी तरह से जारी रखने के तरीके जारी करेगा। कोरोनावायरस महामारी के प्रति लोगों को सचेत करते हुए उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि वे फ़ंक्शन पाते हैं, एक दूसरे से दूरी के नियम का पालन करें और स्वच्छता बनाए रखें। को विभाजित की स्थिति पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चढूनी ने कहा, सरकार पिछले एक साल से क्या कर रही थी? लोग ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी कारण से मर रहे हैं।

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