Home » सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों से लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों से लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमण रोकने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों से लॉकडाउन पर गंभीरता से विचार करने को कहा

by Sneha Shukla

सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को केंद्र और राज्य सरकारों को विभाजित लाभांश की श्रृंखला को तोड़ने के लिए लॉकडाउन पर विचार करने की सलाह दी है। देश की शीर्ष अदालत ने महामारी की दूसरी लहर का मुकाबला करने के उपायों पर अधिकारियों से परीक्षण के बाद इस संबंध में एक आदेश पारित किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण की निरंतर वृद्धि को देखते हुए, हम केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि वे वायरस के प्रसार को रोकने और खत्म करने के उपायों पर ध्यान दें।

गरीबों का ध्यान सरकार रखती है: सुप्रीम कोर्ट

आदेश में ये भी कहा गया है कि- “केंद्र व राज्य सरकारें सामूहिक अनुदानों और सुपर स्प्रेडर घटनाओं पर प्रतिबंध पर विचार करें। दूसरी लहर की गहन के मद्देनजर जनहित में वे लॉकडाउन लगाने पर भी विचार कर सकते हैं।” कोर्ट ने ये भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वह लॉकडाउन के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से परिचित हैं, विशेष रूप से गरीबों पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। जाने की आवश्यकता है, तो सरकार को गरीबों की जरूरतों को पूरा करने की व्यवस्था पहले करनी चाहिए।

रविवार को संक्रांति के लगभग 4 लाख नए मामले

भारत ने रविवार सुबह के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 3.92 लाख नए मामले दर्ज किए, साथ ही देशभर में 3,689 लोगों को कोरोना के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। कोरोना के एपिसोडों में लगातार हो रही वृद्धि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर काफी दबाव डाल रही है। इसके कारण देश का स्वास्थ्य प्रणाली चरमराता नज़र आ रहा है। अस्पतालों में बिस्तरों और ऑक्सीजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी देखी जा रही है।

ये भी पढ़ें-

लोगों की ज़िंदगी बचाने के लिए सख्ती से लागू करें

पोते को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए दादा-दादी ने की आत्महत्या, ट्रेन के सामने लगाई छलिंग

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment