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सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सरकार गंभीर, विपक्ष बना रहा राजनीतिक मुद्दा: सूत्र

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर सरकार गंभीर, विपक्ष बना रहा राजनीतिक मुद्दा: सूत्र

by Sneha Shukla

<पी शैली ="टेक्स्ट-एलाइन: जस्टिफाई;">नई: केंद्रीय विद्य्य सलाहकार परिषद् के विचार पर विचार पर फी जूलखर्ची का ख़ूब ख़ूबसूरत सूत्रों की मानें तो सरकार का मानना ​​है कि चुनावी तस्वीर पर पिछड़ जाने की वजह से विपक्ष सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को राजनीतिक मुद्दा बना रहा है। पर्यावरण का कोई भी स्थान नहीं है। कोरोना को लेकर सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। ऐसे में पहले से प्रस्तावित और चल रहे विकास कार्यो को रोकना ठीक नहीं है।

दरअसल, असाधारण रूप से आकर्षक दिखने की वजह से। संग्रहालय के इतिहास में जो भी गए हैं, वे कलेक्‍ट हो गए हैं। मौजूदा संसद भवन में भी आज के हिसाब से कई समस्याएं हो रही हैं। ऐसे में साल 2019 में मोदी सरकार वापस आने वाली केंद्रीय विस्टा परियोजना को हरी झंडी दे दी गई। ये पूरा प्रोजेक्ट वर्ष 2026 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। & nbsp;

नई लाइफ़, वायसराय, सभी 51 स्टाईल के लिए राजवंत के ऐंर ओर 10 माली स्टाइल, प्राइमा आवास और प्राइमा का ज़ॉंफ वानस्पतिक है। ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ टास्क दो से शुरू हो रहा है। पहला नया संसद भवन और दूसरा सेंट्रल विस्टा एवेन्यू।

वहीं विपक्ष का आरोप है कि कोरोना काल में सरकार को अपने खजाने का उपयोग लोगों की जान बचाने के लिए किया जाना चाहिए लेकिन सरकार 20 हजार करोड़ सेंट्रल विस्टा को बनाने में लगा रही है। जबकि सरकार का इससे साफ इनकार है। पर्यावरण के संबंध में है। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में जिन दो कार्यों को शुरू किया गया है, उसमें एक नई संसद और दूसरा सेंट्रल विस्टा एवेन्यू है।

नई लख्य का ग्लोबल इंग्लॅट 2020 में ही भारत की ग्लोबल लिमिटेड को 862 अरब डॉलर में इसमें शामिल किया गया है। जिसे नवंबर 2022 तक बनकर तैयार किया जाना है। हों है है है है है है । ग्लोबल इसी वर्ष नवंबर तक इस परियोजना को पूरा करना है।

क्लिक करने के समय पर क्लिक करें। अगर यह प्रोजेक्ट बीच में रोक दिया गया तो गणतंत्र दिवस की परेड कर पाना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर आने से पहले ही राजपथ के इलाके में अक्ष का काम शुरू हो गया था और ऐसे में अगर काम को बीच में रोक दिया जाता है तो गणतंत्र दिवस की परेड करे पाना मुश्किल होता है। इसलिए सरकार का मानना ​​है कि कोरोना की लड़ाई में कोई ढिलाई न बरती जाए लेकिन इस परियोजना को बीच में रोक दिया गया है। & nbsp;

ऐसा होगा सेंट्रल विस्टा –

– राष्ट्रपति भवन के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय होगा। इसके ठीक पीछे बनाया जाएगा प्रधानमंत्री आवास। प्रधानमंत्री आवास और प्रधानमंत्री कार्यालय के बीच से ही आने-जाने की व्यवस्था होगी

– गलत तरीके से दर्ज की गई श्रेणी में दर्ज किया गया।

– राजपथ के दोनों ओर 11 बहुमंजिला भवन बनेंगे, जिसमें सभी 51 मंत्रालयों के दफ्तर होंगे। सभी मंत्री भी उन्हीं भवनों में बैठेंगे।

– सभी प्रकार के भोजन और नाश्ता जैसे।

– सेंट्रल वाइस्टैट फिक्सिंग के लिए इंडिया गेट से विजय चौक तक के लिए और ब्‍लडस्‍वाक्‍स जॉग.

– 2022 की गणतंत्र दिवस परेड के तहत नवंबर 2021 तक सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का काम पूरा करना है। जबकि सेंट्रल विस्टा परियोजना 2026 तक पूरी होगी।

– सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के जरिए सरकार 1000 करोड़ रुपये का सालाना रेंट बचाएगी।

– वेतन की कीमत 17 हजार करोड़ रुपये है।

कई प्रोजेक्ट निर्माणा

वहीं केंद्र सरकार का मानना ​​है कि देश में जनहित से जुड़े करीब 18 ऐसे प्रोजेक्ट है जो इस समय निर्माणाधीन है। ऐसे में विपक्ष केवल सेंट्रल विस्टा का ही मामला उठा रहा है। राज्यों प्रोजेक्ट हाउसिंग मिनिस्ट्री का सालाना बजट लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये का है। & nbsp;

जबकि इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 17000 करोड़ रुपये आ रही है। इसमें भी अगले 6 वर्षों में खर्च होने वाला यानी हर साल लगभग 3 हजार करोड़। इसमें अभी तक दो टेंडर के जरिए केवल 1339 करोड़ रुपये खर्च किए गए है जबकि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार ने लगभग 35 हजार करोड़ का सालाना बजट निर्धारित किया है, जो सेंट्रल विस्टा की कॉस्ट से लगभग दोगुना है। ऐसे में सरकार मानती है कि केवल राजनीतिक कारणों से ही यह मुद्दा उठाया जा रहा है।

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