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मिस्र की स्वेज नहर में पिछले छह दिन से फैंस विशाल कार्गो जहाज आखिरकार आज जा रहे थे। यह कार्गो जहाज को दुनिया के सबसे विशाल मालवाहक कंटेनर जहाज में से माना जाता है। ‘एवरग्रीन’ नाम का ये जहाज एशिया और यूरोप के बीच चलता है।
इस कंटेनर जहाज को आज फिर से शुरू किया गया। इंच केप शिपिंग सेवाओं ने इसकी जानकारी दी है। स्वेज नहर प्राधिकरण ने इससे पहले जानकारी दी थी कि विशालकाय कंटेनर जहाज को आंशिक रूप से हटा लिया गया है।
स्वेज नहर को अवरुद्ध करने वाले फंसे हुए कंटेनर जहाज को सोमवार को फिर से चालू किया गया था और वर्तमान में सुरक्षित किया जा रहा है, रायटर ने इंच केप शिपिंग सेवाओं के हवाले से रिपोर्ट दी है
– एएनआई (@ANI) 29 मार्च, 2021
गौरतलब है कि इस विशालकाय जहाज के फंसने का असर भारतीय व्यापार पर भी पड़ रहा था। सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए कार्य योजना बनाई थी। दूसरे देशों से आयात-निर्यात में लगे भारतीय मालवाहक जहाजों को स्वेज नहर के जाम से बचने के लिए केप ऑफ गुड गुड (केप ऑफ गुड होप) से जाने की सलाह दी गई थी।
जहाज के फंसने से बनी ट्रैफ़िक जाम की स्थिति थी
धूल भरी प्रोटी के कारण ये कार्गो जहाज स्वेज नहर में फंस गया था। इस 1300 फीट लंबे कार्गो जहाज के फंसने से लाल सागर और भूमध्य सागर में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई थी। इस ट्रैफिक जाम में लगभग 150 जहाज फंसे हुए थे, जिनमें 13 मिलियन टन कच्चे तेल से लदे लगभग 10 क्रूड टैंकर भी शामिल थे। इसके चलते कई देशों में पेट्रोल पदार्थों की डिलीवरी में देरी हो रही थी। कार्गो के फंसने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया था।
हर घंटे में 400 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ
बता दें कि पिछले पांच दिनों से इस विशालकाय जहाज को निकालने की कोशिश की जा रही थी। इस जहाज के फंसने से कई कंटेनर जहाजों को दूसरे रुट से यात्रा करनी पड़ी। स्वेज नहर में हर दिन 50 जहाज आवाजाही करते हैं। दुनिया का 12 प्रति व्यापार स्वेज नहर से होकर गुजरता है। जहाज के फंसने से हर घंटे लगभग 400 मिलियन डॉलर के व्यापार का नुकसान हो रहा था।
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