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8 राज्यों के लिए दूत बना रेलवे, 121 ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 4709 मीट्रिक टन ‘जीवन रक्षक’ भेजा

by Sneha Shukla

रेलवे की ऑक्सीजन एक्सप्रेस अब गति पकड़ती जा रही है। यह ट्रेन आठ राज्यों में ऑक्सीजन आपूर्ति कर रही है। रेलवे ने अभी तक 121 ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए 295 टैंकरों में 4709 और टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सुनीत शर्मा ने कहा है कि भारतीय रेल की प्राथमिकता इस समय देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को जल्द से जल्द करने की है। वहाँ वह ऑक्सीजन की आपूर्ति में आने वाली परिवहन लागत को भी नहीं देख रही है। चाहे उसे दो टैंकर ले जा रहे हों या वह उन टैंकरों को लेकर ऑक्सीजन प्लांट तक जा रहे हैं और वापस संबंधित राज्यों तक पहुंच चुके हैं।

उन्होंने कहा कि 18 अप्रैल से रेलवे ने अपनी ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया था और अभी तक 121 फेरों के जरिए 295 टैंकरों में 4709 मैट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। इनमें से 100 टैंकर दिल्ली को पहुंचाए गए हैं। उत्तर प्रदेश को 98, मध्य प्रदेश को 27, महाराष्ट्र को 18, हरियाणा को 40, तेलंगाना को 9 और राजस्थान को तीन टैंकर पहुंच गए हैं।

50 टैंकरों में 744 टन ऑक्सीजन के रास्ते में कई ट्रेन हैं
रेलवे की विभिन्न ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन इस समय 50 टैंकरों में 744 टन मेडिकल ऑक्सीजन के रास्ते में हैं। इनमें 12 टैंकर दिल्ली को, 15 टैंकर उत्तर प्रदेश को, 10 टैंकर हरियाणा को, कर्नाटक को चार टैंकर, महाराष्ट्र को तीन तीन टैंकर ले जाने हैं।

मेल एक्सप्रेस गाड़ियों की संख्या में कमी आई
एक सवाल के जवाब में सुनीत शर्मा ने कहा है कि कोरोना की पाबंदियों के बाद अब रेलवे की मेल एक्सप्रेस गाड़ियों की संख्या में भी कमी आई है। कोरोना काल के पहले 1768 मेल एक्सप्रेस ट्रेन गई थीं, जबकि इस समय येकी संख्या 1182 विशेष मेल एक्सप्रेस है। उपनगरीय ट्रेन और पैसेंजर ट्रेन की संख्या में भी कमी की गई है। बहुत सी ट्रेन इसलिए बंद की गई है क्योंकि उनमें संक्रमण फैलने का खतरा था और दूसरी वजह यात्रियों की भारी कमी भी है। हालांकि राज्यों की मांग पर अतिरिक्त ट्रेन भी चलाई जा रही हैं।

कोरोना से रेलवे के 1952 कर्मचारियों की मृत्यु
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि कोरोना काल में विषम परिस्थितियों में भी रेलवे ने यात्री, माल गाड़ियों, श्रमिक विशेष और ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन का सफल संचालन किया है। इस दौरान बड़ी संख्या में उसके कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ गए। बीते एक साल में लगभग 1952 कर्मचारियों को उसे खोना भी पड़ा है। रोजाना कई कर्मचारी हो रहे हैं। हालांकि बड़ी संख्या में उसके कर्मचारी स्वस्थ होकर काम पर भी लौटे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अपने अस्पताल हैं। हमने बिस्तरों की संख्या बढ़ाई है, रेल सेलटालों में ऑक्सीजन संयंत्र बनाए हैं। वर्तमान में 4000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं।

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