पश्चिम बंगाल में दांव खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आ गए हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल का अनुमान है कि पश्चिम बंगाल में 10 सालों से सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस एक बार सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी तो वहीं पिछले चुनाव में महज 3 विधायकों की भारतीय जनता पार्टी 100 पार होगी। कुछ एग्जिट पोल में बीजेपी के जीत का भी अनुमान लगाया गया है। सभी एग्जिट पोल में यह समानता है कि लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ेगा।
एबीपी न्यूज सी सीटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तीसरी बार सत्ता में लौट सकती हैं, लेकिन उनकी संख्या काफी कम होगी। 10 साल से बंगाल की सत्ता में काबिज टीएमसी को 152-164 मिल मिल सकती हैं तो बीजेपी को 109-121 साल में मिल सकती हैं। कांग्रेस गठबंधन को 14-25 सीटें मिल सकती हैं। एग्जिट पोल के आंकड़े 292 सीटों के हैं, क्योंकि 2 सीटों पर वोटिंग नहीं हो पाई है।
एबीपी न्यूज सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, बंगाल में टीएमसी को 42.1 फीसदी वोट मिल सकते हैं तो बीजेपी को 39.2 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन को 15.4 फीसदी वोट मिल सकते हैं तो अन्य के खातों में 3.3 फीसदी वोट जाएंगे। 294 सदस्यीय राज्य विधानसभा का चुनाव 27 मार्च को शुरू हुआ था। मतों की गिनती 2 मई को होगी।
रिपब्लिक टीवी CNX के एग्जिट पोल में बीजेपी और टीएमसी में कांटें की टक्कर देखने को मिल रही है और भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। रिपब्लिक टीवी-CNX के एक्जिट पोल में बीजेपी को 128-138 मिल मिल सकती हैं तो बीजेपी को 138-148 मिलिंग मिल सकती हैं। लेफ्ट और कांग्रेस ने 11-21 सीटों पर सिमट हो सकती है।
टाइम्स नाउ सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, टीएमसी को 158 सीटें मिल सकती हैं तो बीजेपी को 115 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। लेफ्ट-कांग्रेस को 22 सीटें मिल सकती हैं तो अन्य के खातों में कोई सीट नहीं जाएगी।
इंडिया टीवी पीपल्स प्लस ने पहले फेज का एग्जिट पोल जारी किया है जिसमें कहा गया है, पहले फेज में 30 सीटों पर हुई वोटिंग में बीजेपी को 24-27 सीटें मिल रही हैं तो टीएमसी को महज 3-6 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस और लेफ्ट का खाता खुलता नहीं दिख रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो 294 सीटों वाले विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के 211 प्रत्याशी जीतकर विधायक बने थे, जबकि 2011 में पार्टी को 184 सीटों पर जीत मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव और 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले सत्ताधारी पार्टी को अधिक वोट मिले थे। 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और लेफ्ट को 76 सीटें मिलीं थीं।
2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महज 10.2 फीसदी वोट मिले थे, जबकि पार्टी के केवल 3 प्रत्याशियों को जीत मिली थी। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 18 सीटों पर कब्जा जमा लिया।
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