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AAP नेता सौरभ भारद्वाज की दिल्ली BJP अध्यक्ष को चुनौती, कहा- LG का शासन चुनी हुई सरकार से कैसे बेहतर?

AAP नेता सौरभ भारद्वाज की दिल्ली BJP अध्यक्ष को चुनौती, कहा- LG का शासन चुनी हुई सरकार से कैसे बेहतर?

by Sneha Shukla

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नई दिल्ली: दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकार बढ़ाने वाले केंद्र सरकार के संशोधित बिल पर अब आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को खुली बहस की चुनौती दे डाली है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को चुनौती देते हुए कहा है कि वह अपनी पसंद के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में खुली बहस कर बताएं कि क्या का शासन कितना बेहतर है?

आम आदमी पार्टी प्रवक्ता ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुझे मीडिया से आज ये मालूम हुआ कि दिल्ली बीजेपी का 2 दिन का एक अधिवेशन चल रहा है। नगर निगम के अंदर करारी हार के बारे में चिंता शिविर रखा गया है जिसमें बीजेपी के दिल्ली प्रभारी बैजयंत पंत ने कल कहा है कि दिल्ली में बीजेपी कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और दिल्ली वासियों को बताएंगे कि केंद्र के हाथों में दिल्ली के आने और जाने से है। दिल्ली का शासन चलाए जाना दिल्ली के फायदे की बात है।

आगे सौरभ भारद्वाज ने भाजपा के चिंता शिविर पर तंज कसते हुए कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत शर्म की बात है। एक तरफ तो केंद्र सरकार दिल्ली की तारीख हुई सरकार की सारी अधिकार छीन रही है। जिस सरकार को लोगों ने 70 में से 62 सीटों को चुना है उन लोगों की सरकार को पंगु बनाया जा रहा है। दिल्ली बीजेपी की अनिश्चितता है कि वह कह रहे हैं कि हम घर जा रहे हैं।

सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता को चुनौती देते हुए कहा कि आदेश गुप्ता दिल्ली में अपनी मर्जी की विधानसभा चुन लें। वहाँ अपने कार्यकर्ताओं को घर-घर भेजकर बताएं कि दिल्ली का शासन, दिल्ली की केजरीवाल सरकार से बेहतर है। उस विधानसभा में खुली बहस रखी गई। उस बहस में आदेश गुप्ता चाहते हैं तो खुद आएं और वहां पर लोगों के सामने खुली चर्चा हो, जिसमें वह बताएं कि राजनीति का शासन कितना बेहतर है? हम लोगों को बताएंगे कि तारीख हुई सरकार कितनी बेहतर है? इसके बाद लोगों से पूछने पर कि लोग क्या चाहते हैं?

सौरभ भारद्वाज ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दिल्ली की तारीख हुई सरकार को पूरी तरह से दरकिनार कर केंद्र सरकार एक नए कानून लाने की कोशिश में है। घटनाघ ने आजादी के बाद सालों तक दिल्ली को अलग राज्य बनाने की लड़ाई को नाक है। हम मानते थे कि उस घटनाघ से निकली बीजेपी कि कम से कम दिल्ली इकाई इस बात की गंभीरता को समझेगी।

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