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ABP न्यूज़ से बोलीं लेफ्टिनेंट जनरल डॉ माधुरी कानितकर- कोरोना से जंग के लिए सेना ने कस ली है कमर, हम जीतकर रहेंगे

ABP न्यूज़ से बोलीं लेफ्टिनेंट जनरल डॉ माधुरी कानितकर- कोरोना से जंग के लिए सेना ने कस ली है कमर, हम जीतकर रहेंगे

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कोरोना संक्रमण की भयंकर अवस्था ने देश को हिला कर रख दिया है। हर दिन संक्रमण के रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं इस महामारी काल में सेना किस तरह से देश की मदद कर रही है इस संबंध में & nbsp; ले.ज. डॉ। माधुरी कानितकर, उप प्रमुख आईडीएस मेडिकल ने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बात की। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में सेना जी जान से जुटी हुई है और हम ये जंग जीतक रहेंगे।

सेना के तीनों दल कोरोना महामारी से जंग में एक साथ

डॉ माधुरी कानितकर ने कहा कि हमारी सेना के तीनों दल, आर्मी, एयरफोर्स नेवी और उसके साथ-साथ सभी मेडिकल कोर के लोग हमारे लीडरशिप के तहत एक साथ काम कर रहे हैं। मैं और हमारी पूरी सेना दिलासा देती है कि हम जो दावा कर रहे हैं वह करके रहेंगे और साथ ही मदद कर सकते हैं पूरी तरह से करेंगे।

उन्होंने कहा कि सेना में कोरोना से लड़ने का हौंसला और जज्बा ही नहीं बल्कि वे पूरी तरह से टेक्निकली स्ट्रॉंग भी है। सेना के पास सबसे कीमती चीज हैशिप और हमारे पास किसी भी मुसीबत का सामना करने की ताकत है। वर्दी पहनने वाले के पास लड़ाई जीतने की ताकत है।

भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को रखा जा रहा है

ले.ज. डॉ। माधुरी कानितकर ने बताया कि देशभर में जितने भी सेना के अस्पताल हैं उनमें न केवल फौज में काम कर रहे सैनिकों और & nbsp; उनके परिवार का इलाज हो रहा है, लेकिन उनके साथ-साथ पूर्व सैनिक और उनके परिवार के लिए भी सेना ने अपने दरवाजे और दिल खोल दिए हैं। पूना में तो अलग से सिविलियन के लिए अस्पताल में जा रहा है।

हर जरूरत पूरी करने के लिए तैयार है सेना के तीनों दल

उन्होंने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में वीर जवान देश की मदद के लिए आगे आए हैं। वे पूरी तरह कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही एयरफोर्स, नेवी और आर्मी के सभी वरिष्ठ अधिकारी वे भी इस मुहीम में पूरा साथ दे रहे हैं। कहां-कहां किसकी जरूरत है हम वो देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वायुसेना अब तक 180 ऑक्सीजन कंटेनर ट्रांसपोर्ट कर चुकी है। लखनऊ, अहमदाबाद, दिल्ली और पटना में DRDO ने अस्पतालो में ऑक्सीजन प्लांट एनजीआर किए हैं। & nbsp; 8 C-17 ग्लोबमास्टर, 4IL-76, 10 C-130J, विमान सेवा में जुट गए हैं। 20 एएन -32 विमान, एमआई -17 और चिनूक हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं।

रिटायर्ड डॉक्टर करेंगे मरीजों का इलाज

उन्होंने कहा कि 40-50 रिटायर्ड डॉ। जिनमें विशेषज्ञ भी शामिल हैं, उन्हें विभाजित रोगियों के इलाज के लिए नियुक्त किया जा रहा है। आज ही से ये रिटायर्ड डॉ। अनबोर्ड हो जाएंगे। डॉ। माधुरी ने ये भी कहा कि ई संजीवनी पोर्टल से देशभर के मरीजों का इलाज किया जाएगा। यहां मरीजों को डॉक्टर क्लसटेशन के जरिए डॉक्टर की मदद करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने कहा है कि & nbsp; यंग एज ग्रुप वाले डॉ जो शॉर्ट सर्विसश कमीशन वाले डॉक्टर हैं अगर वे देश सेवा में नहीं लगे हुए हैं और उनके पास फ्री टाइम है तो उनके लिए भी बुलावा भेजा जा रहा है। ये प्रोपोजल जल्दी ही क्लियर भी हो जाएगा। उन्हें सेना में ले जाया जाएगा और कोरोना से जंग जीतन में मदद मिलेगी।

सैनिकों के परिवारों के लिए टेली मेडिसन सेवा शुरू की गई है

डॉ माधुरी ने ये भी कहा कि मैं हर सैनिक को हक के साथ आश्वासन देता हूं कि वह देश के लिए खड़ा है तो उसके परिवार की जिम्मेदारी सेना की है। हम उनके बच्चों के परिवार की महिलाओं का रख रख रहे हैं। इसके साथ ही मिलिट्री ने सभी जवानों के परिवारों के लिए टेली मेडिसन की सुविधा शुरू की है ताकि वे गांव से भी उसका फायदा उठा सकें। उस सेवा का नाम है & lsquo; सेहत & rsquo; यानि सेवा इन इल असिस्टेंस एंड टेल्स कंस्लटेशन इस सर्विक के माध्यम से हर जवान के परिवार तक उनके गांव तक पहुंचा जा सकता है। इसके साथ ही गांव के पास जो भी मिलिट्री अस्पताल है वहां युवा के परिवार का इलाज होगा।

ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर कही ये बात

देश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर डॉ। माधुरी ने कहा कि लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए फौज काफी मदद कर रही है। आर्मी द्वारा क्रायोजेनिक्स और टैंक का ट्रांसस्पोर्टेशन कराया जा रहा है। आर्मी के ड्राइवर भी हर मदद के लिए तैयार हैं। इसके अलावा एयरफोर्स बाहर के देशों से भी अपने क्रायोजोनिक टैंक्स उठा रहा है। इसके साथ ही जनरेशन प्लांट्स के हिस्सों ला रही है ।इसके साथ ही नेवी भी बहुत मदद कर रही है। नेवी शिप के जरिये विदेश से मिल रही सहायता को जल्द से जल्द भारत ला रही है। बहुत ही नहीं देश के तट जैसे अंदमान निकोबार और लक्षद्वीप के ऑक्सीजन तक ऑक्सीजन पहुंचाना और वहां के रोगियों को इलाज के लिए अस्पताल लाने में नेवी काफी मदद कर रही है। देश में समस्या है तो सेना के तीनों दल पूरी शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं।

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