Home » Bengal Election Results 2021: विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनीं Mamata Banerjee, बंगाल में जादू बरकरार, जानिए TMC की जीत के मायने
Bengal Election Results 2021: विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनीं Mamata Banerjee, बंगाल में जादू बरकरार, जानिए TMC की जीत के मायने

Bengal Election Results 2021: विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनीं Mamata Banerjee, बंगाल में जादू बरकरार, जानिए TMC की जीत के मायने

by Sneha Shukla

आज पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती हो रही है। दोपहर एक बजे तक ताजा तूफान आया पश्चिम बंगाल में टीएमसी बंपर सीटों पर जीत के साथ सरकार बना रही नज़र आ रही है। वहीं बीजेपी 90 सीटों के अंदर ही सिमट गई है। यहां ममता बनर्जी एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। आपको बताते हैं कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी की इस जीत का मतलब क्या है

दीदी का जादू बरकरार

पश्चिम बंगाल में टीएमसी की जीत का मतलब ये है कि सूबे में दीदी का जादू बरकरार है। इस जीत के बाद अब ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगी। 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार भी टीएमसी इस आंकड़ें के आस-पास पहुंच गई है। इसका मतलब यही है कि पश्चिम बंगाल की जनता को दीदी का काम पसंद आया है और उन्होंने फिर से उन्हें जीत से सेहरा पहनाया है।

विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनीं ममता बनर्जी

टीएमसी की जीत के बाद ममता बनर्जी अब मोदी के खिलाफ सबसे बड़ा चेहरा हैं। उन्होंने अकेले ही इस विधानसभा चुनाव में सभी को पछाड़ दिया है। ममता के खिलाफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ जैसे सभी बड़े चेहरों ने चुनाव प्रचार किया। सभी ने जमकर उन्होंने हमला भी किया लेकिन दीदी हार नहीं मानीं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि दीदी ने खुद के दम पर सभी को इस चुनावी मैदान में मात दे दी है।

नंदीग्राम सीट पर रिस्क लिया गया

ममता बनर्जी ने रिस्क लेते हुए सिर्फ एक ही सीट नंदीग्राम पर चुनाव लड़ीं। ऐसा होता है कि बड़े नेता सुरक्षित और दो सीटों से चुनाव लड़ते हैं। खुद लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा। लेकिन ममता बनर्जी ने ऐसा नहीं किया उन्होंने एक ही सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस सीट पर उनके खिलाफ बीजेपी ने एक्स-टीएमसी नेता शुभेंदु अधिकारी को मैदान में उतारा।

कोरोना पर दीदी ने आक्रामक रुख अपनाया

जिस समय पीएम मोदी सहित बीजेपी के सभी कद्दावर नेता पश्चिम बंगाल में चुनावी प्रचार कर रहे थे, उस दौरान देश में हर तरफ कोरोना महामारी तेजी से फैल रही थी। कोरोना के केस लगातार बढ़ते चले गए, ऑक्सीजन, वेटिनलेटर की कमी से हर तरफ अफरातफरी मची थी। इस मुद्दे पर ममता बनर्जी ने आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। टीएमसी की ये जीत इस तरफ भी इशारा करती है कि लोगों में महामारी से ठीक से ना सामना को लेकर भी बीजेपी से नाराजगी है। चुनावी रैलियों में ममता बनर्जी ने आम जनता के मुद्दे को उठाया।

अंक चोट राजनीतिक प्रतीक मेकर प्रचार करता रहा

राजनीति में प्रतीकों के बहुत मायने होते हैं। एक रैली के दौरान जब ममता बनर्जी को चोट लगी तो इसका आरोप उन्होंने बीजेपी पर लगाया। इसके बाद वे इसे राजनीतिक प्रतीक बनाकर चुनावी रैलिया करते रहे। ममता बनर्जी के पैर में वास्तु लगा हुआ था और वह व्हील-चेयर पर बैठकर हमेशा मैदान में डंटन रहती थी। इस दौरान वे देश के सबसे बड़े नेता को चुनौती देते हैं। ऐसे में बंगाल में उनकी पहुंच और बहुत अधिक बनी रही।

बंगाल चुनाव परिणाम 2021: विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनीं ममता बनर्जी, बंगाल में जादू बरकरार, जानिए TMC की जीत के मायने

292 विधानसभा सीटों पर जारी मतगणना है
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 294 सीटें हैं और 292 पर वोटिंग हुई थी। आज सुबह 8 बजे से मतगणना जारी है। बंगाल की दो सीटों शमशेरगंज और जंगीपुर पर चुनाव नहीं हुआ था क्योंकि शमशेरगंज सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और जंगीपुर सीट से आरएसपी उम्मीदवार का निधन हो गया था।

2016 में भी कई कदम उठाए जाएंगे
वर्तमान में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी सत्ता पर आसीन हैं। 2016 विधानसभा चुनाव में भी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटों पर जीतकर सरकार बनाई थी। वहीं कांग्रेस ने 44, लेफ्ट ने 26 और बीजेपी ने केवल तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि अन्य ने दस सीटों पर जीत हासिल की थी। यहां बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।

यह भी पढ़ें-

पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम 2021 लाइव अपडेट

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम- पल पल की अपडेट पढ़ें

पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम: ममता बनर्जी के लिए नतीजों के क्या मायने हैं?

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment