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CDPHR ने जारी की भारत के सात पड़ोसी देशों की मानवाधिकार रिपोर्ट, हिंदुओं की घटती संख्या पर जताई चिंता

CDPHR ने जारी की भारत के सात पड़ोसी देशों की मानवाधिकार रिपोर्ट, हिंदुओं की घटती संख्या पर जताई चिंता

by Sneha Shukla

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में सेंटर फॉर डेमोक्रेसी प्लूरेलिज़्म और ह्यूसमन रैड्स ने भारत के 7 पड़ोसी देशों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में तिब्बत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया और श्रीलंका की मानवाधिकार को लेकर एक शोध तैयार किया गया है। जिन देशों में नागरिक समानता, उनकी गरिमा, न्याय और लोकतंत्र को आधार में बनाए कर जानकारी जुटाई गई है।

इस रिपोर्ट को शिक्षाविद, अधिवक्ता, न्यायाधीश, मीडियाकर्मी और अनुसंधानकर्ताओं के एक समूह ने तैयार किया है। जारी किए गए रिपोर्ट में माना गया है कि भारत के पड़ोसी देशों में हिंदुओं की आबादी लगातार कम हो रही है। खासकर बांग्लादेश और पाकिस्तान में स्थिति बहुत खराब है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था की निदेशक प्रेरणा मल्होत्रा ​​ने कहा कि इन देशों में मानवाधिकार नाम की कोई बात नहीं है। बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का कोई मंत्रालय भी नहीं है, जो उनके हितों की रक्षा कर सकता है। पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश इस्लामिक स्टेट नहीं है, लेकिन वहां भी फंडामेंटलिज़्म बढ़ रहा है और वहां माइनॉरिटी सुरक्षित नहीं रह सकती है।

उन्होंने कहा कि जब १ ९ ४ कहा में भारत के दो टुकड़े हुए तब पाकिस्तान में १२.५ प्रतिशत हिन्दू थे, अकेले से २३ प्रतिशत दक्षिणलाईदेश में थे, ये डेटा १ ९ ५१ का है। आज 2011 का डेटा देखते हैं, तो 8 प्रति हिंदू हिंदू बचे हैं बांग्लादेश में, बाकी हिंदू हिंदू कहां गए, या तो वे मर गए या रूपांतरण हो गए, आखिरकार उनके साथ क्या हुआ।

प्रेरणा मल्होत्रा ​​ने कहा, “पाकिस्तान में आज जितने हिन्दू होने चाहिए थे, उतने हिन्दू नहीं हैं। पाकिस्तान में हिन्दू की स्थिति बहुत ख़राब है, महिलाओं की ख़ास तौर से, (हिन्दू सिख) जो छोटी लड़कियां हैं, उनका रेप और धर्म परिवर्तन हो। रहा है और इसको एक तुले के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वो कंवर्ट हो जाएं।

उन्होंने बताया कि ढाका यूनिवर्सिटीज के प्रोफेसर अबुल बरकत ने एक रिपोर्ट दी है, जिसमें कहा गया है कि रोज 632 हिन्दू बांग्लादेश छोड़कर जा रहे हैं, जो 2 लाख साल का होता है, ऐसे में 30 साल बाद बांग्लादेश में कोई भी हिन्दू नहीं बचेगा, आज 2021 है। अगले 25 साल बाद कोई हिन्दू नहीं बचेगा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में सिर्फ 1.65 प्रतिशत हिंदू हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय तिब्बत सिकंदराबाद के अध्यक्ष लोबसांग संगे, पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन, एसआरएम यूनिवर्सिटी के वाइस चैंसर परमजीत सिंह जसवाल भी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।

पंजाब में मजदूरों को नशा देकर मजदूरी कराने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अमरिंदर सिंह सरकार से पूछा रिपोर्ट



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