नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के शेफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे आज रिटायर हो जाएंगे। एसए बोबडे ने अपने 14 महीने के कार्यकाल में 90 दिन ही फिजिकल ट्रायल कर पाया। आज जब वह रिटायर होगा तब भी कोर्ट सिर्फ मामले में ही सुन रहा होगा। रिटायरमेंट समारोह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगा। जस्टिस बोबडे का स्थान जस्टिस एनवी रमना करेंगे। 24 अप्रैल को उन्होंने शेफ जस्टिस का पदभार संभाल लिया।
जस्टिस रमना 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। हालांकि रमना ज्यादा समय तक CJI पद पर काम नहीं कर पाएगी क्योंकि उनके कार्यकाल में दो साल से भी कम का समय बचा है और वह 26 अगस्त 2022 को रिटायर हो जाएंगे।
जस्टिस रमना वर्ष 2000 में बने आंध्र प्रदेश HC के जज थे
जस्टिस एनवी रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था। वे पहली बार 10 फरवरी 1983 को वकील बने थे। रमना को 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम किया था। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक होगा। इस तरह वह 16 महीने तक इस महत्वपूर्ण पद पर रहेगा।
पिछले कुछ वर्षों में जस्टिस रमना का सबसे चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की निगरानी का रहा है। सांसदों / विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों की तेज़ सुनवाई के लिए हर राज्य में विशेष न्यायालय बनाने का आदेश देने वाली बेंच की कूद भी उन्होंने ही की थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के कार्यालय को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी जस्टिस रमना सदस्य बने हुए हैं। उनकी बढ़ती हुई 5 जजों की बेंच ने निर्भया गैंग रेप और हत्या के मामले की दोषियों की क्यूरेटिव याचिका खारिज की थी। इसके बाद उनकी फांसी का रास्ता साफ हुआ।
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