वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, कृष्णन
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
Updated Mon, 10 मई 2021 01:08 AM IST
अमेरिकी डॉ। एंथनी एस फौसी (फाइल फोटो)
– फोटो: पीटीआई
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डॉ। फौसी ने एबीसी न्यूज से कहा, इस सबका अंत लोगों का टीकाकरण कर रहा है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक देश है। उन्हें उनका संसाधन मिलना चाहिए। ये संसाधन न केवल घरेलू स्तर पर मिलें, बल्कि बाहर से भी उपलब्ध कराए जाएं। यही कारण है कि अन्य देशों को इस बात को देखना होगा कि भारतीय को अपने टीके बनाने के लिए अनिश्चित माल मिले या उन्हें टीके राहत सामग्री में दिया जाए। उन्होंने कहा, इसका एक तरीका यह है कि बड़ी कंपनियों की हल्की उत्पादन क्षमता को वास्तव में बड़े पैमाने पर बढ़ाना होगा ताकि करोड़ों की खुराक उनके लिए हासिल करने में सक्षम हो पाए।
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑल एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक ने 80 वर्षीय प्रतिरक्षा विशेषज्ञ डाॅ। फौसी ने कहा कि टीकाकरण एक रास्ता है, लेकिन मौजूदा संकट से निपटने के अन्य तरीके भी हैं। इन सरकार का खुद को शटडाउन कर लेना भी एक है। मैंने उन्हें पहले भी सलाह दी थी कि आपको ऐसा करने (लॉकडाउन लगाने) की वास्तव में आवश्यकता है।
लोगों को ऑक्सीजन दर्दनाक नहीं मिलते
एक सवाल के जवाब में डॉ। फौसी ने कहा कि भारत को तत्काल उसी तरह अस्थायी अस्थायी अस्पतालों के निर्माण की जरूरत है, जिस तरह चीन ने एक साल पहले किया था। आपको ऐसा करना होगा। आप लोगों को एक अस्पताल में बिस्तर नहीं मिलना पर सड़कों पर नहीं छोड़ सकते। ऑक्सीजन की स्थिति एक ऐसा तथ्य है, जो वास्तव में चिंताजनक है। मेरा मतलब लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलना दर्दनाक है, वहाँ क्या हो रहा है।
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