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Coronavirus: दुनिया के सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन वाले देश में बढ़े संक्रमण के मामले, लगाई पाबंदियां

Coronavirus: दुनिया के सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन वाले देश में बढ़े संक्रमण के मामले, लगाई पाबंदियां

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> सेशल्स दुनिया का अकेला ऐसा देश है जहां की ज्यादातर आबादी को कोरोनावायरस के खिलाफ कोविड -19 की वैक्सीन लगाई गई है। लेकिन कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि के कारण दो हफ्तों के लिए स्कूलों को बंद करना पड़ा है और खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया है। हिंद महासागर में द्वीपों वाले इस देश के लोगों को एक दूसरे से मिलने जुलने से रोक दिया गया है। गौरतलब है कि ये सब पाबंदियां उस वक्त लगाई जा रही हैं जब उसने अपनी आबादी के 60 फीसद से ज्यादा बालिगों को वैक्सीन की दो खुराक दे दी है।

62 फीसद आबादी का टीकाकरण के बावजूद कोरोना की वृद्धि हुई

पिछले साल 2020 के अंत में भी इसी तरह की पाबंदियां लगाई गई थीं। स्वास्थ्य मंत्री पेगी विडोट ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "वैक्सीनेशन के शानदार प्रयासों के बावजूद हमारे देश में कोविड -19 के मामले देरी चरण में दाखिल हो चुके हैं।" लगभग 98 हजार की आबादी वाले देश की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। सरकार ने जनवरी में तेजी से टीकाकरण शुरू किया। उसके लिए संयुक्त अरब अमीरात की तरफ से डोनेशन में मिली चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया। 12 अप्रैल तक सिनोफार्म वैक्सीन की 59 फीसद खुराकें लगाई गईं और बाकी कोविशील्ड की थीं। ये भारत में एस्ट्राजेनेका की तैयार वैक्सीन का संस्करण है। अब जब तक देश की 62 फीसद जनसंख्या को पूरी तरह टीकाकरण किया जा चुका है जबकि इजराइल 59 फीसद के साथ टीकाकरण के मामले में दूसरे नंबर पर है।

28 अप्रैल को सक्रिय मामला 612 जबक 3 मई को तादाद 1,068 हो गया

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सेशल्स में सक्रिय मामलों की संख्या 28 अप्रैल को 612 थी, लेकिन 3 मई को तादाद 1,068,000 से अधिक हो गई। उन मामलों में 84 फीसद स्थानीय लोग और बाकी विदेशी लोग हैं। स्थानीय विशेषज्ञों का कहना है कि दो तिहाई मामले या तो उन लोगों के हैं जिनको वैक्सीन अभी तक नहीं दिया गया है या एक खुराक दी गई है और अन्य का टीकाकरण पूरा हो चुका है।

अप्रैल में संक्रमण के अभी तक के जेनेटिक सिक्वेंसिंग पर डेटा उपलब्ध नहीं है। B.1.351 वेरिएंट का मामला पहली बार पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था, जो फरवरी में सेशल्स में भी पाया गया था। एक रिसर्च के मुताबिक एस्ट्राजेनेका की कोविड -19 वैक्सीन वेरिएंट के खिलाफ बहुत ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक सिनोफार्म, कोविशील्ड और बिना वैक्सीनेशन वाले लोगों के बीच तुलना जेनेटिक सिक्वेंसिंग और डेटा का इस्तेमाल कर किया जा सकता है। & nbsp;

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