<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> मुंबई: मुंबई और महाराष्ट्र में शूटिंग बंद होने से देश के कुछ राज्यों और कुछ शहरों में फिल्मों, सीरियल्स व वेब शोज की शूटिंग की जा रही है, लेकिन पहले के मुकाबले इनकी संख्या बेहद कम है। ऐसे में फिल्म उद्योग के लाखों दिहाड़ी मजदूरों, टेक्नोन्स और जूनियर आर्टिस्टों के सामने एक बार फिर से रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। लेकिन पिछले साल की तरह इस बार बॉलीवुड के बड़े सितारों और निर्माताओं / निर्देशकों की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है। & nbsp;
लेकिन इस बीच अच्छी खबर ये है कि यशराज फिल्म्स के सर्वेसर्वा आदित्य चोपड़ा ने इंडस्ट्री से जुड़े हजारों दिहाड़ी मजदूरों का मुफ्त में वैक्सीनेशन कराने का फैसला किया है।
पश्चिमी भारत सीनेट एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने & zwnj; एबीपी न्यूज से खबर की पुष्टि और zwnj; । संपर्क किए जाने पर अशोक दुबे ने कहा, "हां, यशराज फिल्म्स की ओर से हमसे संपर्क किया गया है और उन्होंने हमारे संगठन से जुड़े तमाम मजदूरों का मुफ्त में वैक्सीनेशन प्रदान करने का प्रस्ताव उनकी तरफ से दिया गया है। हालांकि कुल कितने मजदूरों को मुफ्त वैक्सीनेशन किया जाएगा, इसी तरह वर्तमान में पूरी तरह से बातचीत नहीं हुई है। लेकिन जल्द ही इस बारे में भी फैसला हो जाएगा।"
उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोरोना के नेतृत्व में लगे लॉकडाउन में शूटिंग के पूरी तरह से बंद हो जाने की सूरत में यशराज फिल्म्स ने & zwnj; 3000 जरूरत दिहाड़ी मजदूरों को कुल डेढ़ करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की थी। सभी के खाते में 5000-5000 रुपये डालने के अलावा यशराज फिल्म्स ने हजारों मजदूरों के लिए अनाज का प्रवा भी भी किया था।
अशोक दुबे ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "हमने राज्य सरकार से मांग की है कि मुम्बई के फिल्मसिटी में रोजाना काम करने आने वाले हजारों मजदूरों के टीकाकरण के लिए अलग से कैंप लगाया जाए ताकि शूटिंग के लिए यहां आनेवाले तमाम लोगों के टीकाकरण & zwnj; में आसानी से हो।"
वे कहते हैं कि पिछली बार की तरह इस बार बॉलीवुड की ओर से & zwnj; & zwnj; Z किसी भी तरह की & zwnj; कोई आर्थिक मदद नहीं मिल रही है, जो अधर्म और उससे जुड़े तमाम दिहाड़ी मजदूरों के लिए चिंता का विषय है। अशोक दुबे कहते हैं, "हमने दो सप्ताह पहले जरूरतमंद दिहाड़ी मजदूरों की आर्थिक सहायता के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक खत भी लिखा था लेकिन राज्य सरकार की ओर से अब तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है।"& nbsp;
अशोक दुबे चिंता जताते हुए कहते हैं कि अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ जाती है और तमाम पाबंदियों के नेतृत्व में शूटिंग की बाधाओं यूं ही छुट्टी रहती है तो एक बार फिर से तमाम दिहाड़ी मजदूरों, तकियों और जूनियर कलाकारों की रोजी रोटी का संकट और बढ़ जाता है। होगा।
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