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नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण की मार से देश में हाहकार मचा हुआ है। पिछले साल सितंबर में कोरोना के सबसे ज्यादा केस आ रहे थे। अब कोरोना की दूसरी लहर में पिछली बार से बहुत अधिक खतरनाक है। इस साल अप्रैल में पहली बार एक लाख से ज्यादा रोजाना केस आ रहे हैं। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में पिछले सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। पंजाब में भी पिछले रिकॉर्ड टूटने वाला है।
इसके अलावा सात राज्य ऐसे हैं जहां पहली लहर के 40 प्रतिशत मामले आ चुके हैं। पहली और दूसरी लहर में सात दिनों के औसत मामलों की तुलना करें तो पंजाब में पहली लहर के 98 प्रति मामले आ चुके हैं। वहीं हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पिछली बार की तुलना में 40 प्रतिशत से ज्यादा मामले आ चुके हैं।
केंद्र ने महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ में बढ़ते मामलों पर जताई चिंता
केंद्र सरकार के अनुसार, महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा चिंता का कारण है क्योंकि वहाँ प्रतिदिन बड़ी संख्या में को विभाजित -19 के मामले सामने आ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महाराष्ट्र में कोविद -19 की स्थिति कुल मामलों में और साथ ही होने वाली मौतों में राज्य की भागीदारी के कारण चिंताजनक है। पंजाब और छत्तीसगढ़ की स्थिति मरने वाले रोगियों की अधिक संख्या के कारण चिंताजनक है।
भूषण ने कहा कि छत्तीसगढ़ का दुर्ग टॉप -10 जिलों में शामिल है जहां कोविद -19 के उपचाराधीन मामले अधिक हैं। नए मामलों के सबसे अधिक संख्या वाले 10 जिले पुणे, मुंबई, ताने, नागपुर, नासिक, बुरु शहर, औरंगा, अहमदनगर, दिल्ली और दुर्ग हैं। राज्यों को आरटी-पीसीआर जांच की दर बढ़ाने के लिए कहा गया है।
भूषण ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ चिंता का विषय है, क्योंकि यह कम आबादी वाले एक छोटे राज्य होने के बावजूद को विभाजित- 19 के कुल मामलों में से छह प्रतिशत मामले यहां से सामने आ रहे हैं और तीन प्रतिशत मौत यहां हो रही हैं। यदि हम पंजाब को देखें तो देश में कुल नए मामलों में से तीन प्रतिशत मामले में से आ रहे हैं और देश में होने वाली मौतों में से 4.5 प्रतिशत मौतें यहां हो रही हैं। ‘
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