कोरोनावायरस इंडिया लाइव अपडेट: कोरोना नाम के वायरस ने पूरे भारत में हाहकार मचा रखा है। नए प्रकारों की संख्या अब हर दिन लगभग तीन लाख तक पहुंच गई है। अबतक पौने दो लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देशभर में 19 लाख से ज्यादा लोग अभी तक हैं। कोरोना परिस्थिति को देखते हुए कई राज्यों ने सख्त पाबंदियों को लागू कर दिया है। लोगों को सख्त घर में ही रहने की हिदायत की गई है।
मूल्यांकन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पाबंदियां 3 दिन तक के लिए बढ़ा दी गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पूरे प्रदेश में 19 अप्रैल से तीन मई की सुबह 5 बजे तक कई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। जनपद पखडिंग के तहत इस दौरान सरकारी कार्यालय, बाजार, मॉल और सभी कार्यस्थल बंद रहेंगे। लेकिन मजदूरों के रोजगार से जुड़ी गतिविधियों जैसे फैक्ट्री और निर्माण कार्य पर रोक नहीं होगी। साथ ही ठेला और फेरी लगाकर जीवनयापन करने वाले लोगों को जीविकोपार्जन की छूट दी जाएगी।
मूल्यांकन में 15 दिन तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां
मूल्यांकन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए पाबंदियां 3 दिन तक के लिए बढ़ा दी गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए पूरे प्रदेश में 19 अप्रैल से तीन मई की सुबह 5 बजे तक कई गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। जनपद पखडिंग के तहत इस दौरान सरकारी कार्यालय, बाजार, मॉल और सभी कार्यस्थल बंद रहेंगे। लेकिन मजदूरों के रोजगार से जुड़ी गतिविधियों जैसे फैक्ट्री और निर्माण कार्य पर रोक नहीं होगी। साथ ही ठेला और फेरी लगाकर जीवनयापन करने वाले लोगों को जीविकोपार्जन की छूट दी जाएगी।
भारत की दूसरी कोक्विव लहर ज्यादा संस्कारी
भारत में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर सितंबर 2020 में आई पहली लहर से अलग है, क्योंकि नए मामले बढ़ने की दर काफी अधिक है। लैंसेट कोविड -19 कमीशन भारत टास्क फोर्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि फरवरी से अप्रैल तक प्रति दिन 10,000 से 80,000 नए मामलों की वृद्धि 40 दिन से बहुत कम समय में हुई। पिछले सितंबर में इस यात्रा में 83 दिन लगे थे।
दूसरा अंतर यह है कि सकारात्मक परीक्षण करने वाले कई और मामले स्पशरेन्मुख या हल्के रोगसूचक हैं, जिसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती होने और मृत्युदर की अधिकतम कम मशीनें होती हैं। मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से समग्र मामला मृत्यु अनुपात (सीएफआर) लगभग 1.3 प्रतिशत बताया गया है, जबकि 2021 की शुरुआत से वायरस का अनुबंध करने वाले रोगियों के बीच सीएफआर 0.87 प्रतिशत से काफी कम है।
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