फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मुकर्रम ने बताया कि दिल्ली समेत देश के किसी भी हिस्से में ईद का चांद नज़र नहीं आया है, इसलिए ईद का त्यौहार शुक्रवार 14 मई को मनाया जाएगा। & nbsp; उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को 30 वां रोज़ा होगा। शव्वाल (इस्लामी कलेंडर का 10 वां महीना) की पहली तारीख शुक्रवार को होगी। शव्वाल के महीने के पहले दिन ईद होता है।
वहीं जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद भंडारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कहीं से भी चांद दिखने की कोई खबर नहीं है। & nbsp; उन्होंने कहा, & ldquo; आज 12 मई को ईद का चांद नज़र नहीं आया। उत्तर प्रदेश असम, बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से चांद दिखने की खबर नहीं मिली है। & rdquo; & nbsp; पलारी ने कहा, & ldquo; ईद 14 मई शुक्रवार के दिन होगी और मैं आपको ईद की मुबारकबाद पेश करता हूं। & rdquo;
="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> उधर, मुस्लिम संगठन भवन ए शरिया ने भी ऐलान किया है कि बुधवार को दिल्ली व देश के किसी भी हिस्से से चांद दिखने की कोई खबर नहीं है और ईद 14 मई को होगी और बृहस्पतिवार को 30 वीं और अंतिम रोजा होगी। मुसलमानों के लिए अभी तक इस्लामी कलेंडर का नौवां महीना & lsquo; रमज़ान & rsquo; चल रहा है जिसमें समुदाय के लोग रोज़ा (व्रत) रखते हैं। रमज़ान के महीने में रोज़ेदार सुबह सूरज निकलने से पहले से लेकर सूरज डूबने तक कुछ नहीं खाते पीते हैं। यह महीना ईद का चांद नजर आने के साथ खत्म होता है।
इससे पहले जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद भंडारी और चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने मुसलमानों से अपील की है कि वे को विभाजित -19 की स्थिति को देखते हुए ईद की नमाज घर में ही पढ़ रहे हैं। ने कहा था, & ldquo; परिस्थिति की नज़ाकत को देखते हुए मेरी अपील है कि ईद की नमाज़ अपने घरों में ही पढ़ी जाए तो बेहतर है। & rdquo;
मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, & ldquo; रमज़ान में हमने घरों में रहकर इबादत की। पिछले साल हमने घरों में ही ईद की नमाज़ अदा की थी। बीमारी का डर अब भी मौजूद है और संक्रमण बहुत ज्यादा है। लिहाजा सभी लोगों से अपील कर करेंगे कि ईद वाले दिन भी मस्जिद की तरफ न आएं बल्कि घरों में ही इबादत करें। शरीयत में इसकी इजाज़त मौजूद है। & rdquo;
उन्होंने कहा, & ldquo; जो लोग ईद के दिन मस्जिद में नमाज़ अदा न कर सकते हैं वे घर में सुबह के वक्त चार रकत नमाज़ & lsquo; सुनील & rsquo; पढ़ें और फिर & lsquo; तकबीर & rsquo; पढ़ें और अल्लाह से दुआ करें। & rdquo;
मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी कहा, & ldquo; मैं सभी मुस्लिमों से अपील करता हूं कि ईद की नमाज़ को विभाजित संबंधी सभी प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए छापे। बड़ी संख्या में जमा न हों और बेहतर यही होगा कि घरों में नमाज़ अदा करें। & rdquo; ।
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