नई दिल्ली: ईद का त्योहार आने वाला है। इस ईद को ईद-उल-फितर के नाम से भी जाना जाता है। वहाँ कुछ लोग इस त्योहार को मीठी ईद के नाम से भी जानते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार रमजान के पवित्र महीने का अंत और 1442 हिजरी के 10 वें महीने की शुरुआत होगी। विश्व भर के मुस्लिम ईद के त्योहार के दिन सुबह मस्जिदों में विशेष इबादत करते हैं। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक रमजान का महीना चंद्र कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना माना जाता है।
भारत के अलग-अलग शहरों में चांद दिखने का समय (12 मई, स्रोत: टिम्मिडेट डॉट कॉम)
दिल्ली: 7.02 बजे
लखनऊ: 6:45 बजे
अहमदाबाद: 7.12 बजे
आगरा: 6.57 बजे
औरंगा: शाम 6.56 बजे
भोपाल: 6.53 बजे
बेंगलुरू: शाम 6.37 बजे
मुंबई: 7.05 बजे
हैदराबाद: 6.40 बजे
पटना: 6.27 बजे
ईद मनाने की तारीख चांद दिखने के हिसाब से ही तय होती है। जिस दिन चांद दिखता है उस दिन लोग एक दूसरे को चांद मुबारक कहकर जीत देते हैं। ईद के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर फज्र की नमाज अदा करते हैं। इसके बाद सम्मेलनों का सिलसिला शुरू हो जाता है।
रमजान का महीना शुरू होते ही इस्लाम को मानने वाले लोग रोजा रखना शुरू कर देते हैं। पूरे एक महीने तक रोजे रखने के बाद जब चांद दिखता है तब जाकर ईद मनाई जाती है। अगर इस बार आज यानि 12 मई को चांद दिख जाता है तो भारत में ईद-उल-फितर 13 मई को मनाया जाएगा।
इस दिन लोग एक दूसरे के गले मिलते हैं और उपहार देते हैं। सभी रिश्तेदार और दोस्त एक दूसरे के घर जाकर भी बधाई देते हैं। हालांकि कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए इस बार गले गले न मिलना और एक दूसरे के घर जाना जीत न देने की बात कही जा रही है।
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