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वन्स का संरक्षण हमारे लिए बेहद जरूरी है। वन्स के बिना हम मानव जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। लोगों को इसके संरक्षण के लिए जागरूक करने के लिए 21 मार्च को विश्व भर में ‘आंतरिक वन दिवस’ (अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस) के तौर पर मनाया जाता है। 28 नवंबर 2012 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 21 मार्च को आंतरिक वन दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। इस वर्ष इसका थीम ‘फॉरेस्ट रिस्ट्रप्शन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल बीइंग’ है।
बीते कुछ वर्षों से जिस प्रकार बिना सोचे-समझे वनों की कटाई की जा रही है, उसे देखते हुए इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि जल्द ही हमें इसके भयावह परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में 21 मार्च का ये दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इस दिन विश्व भर में वनों और पेड़ों से संबंधित गतिविधियों का आयोजन करने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाता है।
2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की घोषणा की थी
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 28 नवंबर 2012 को एक प्रस्ताव पारित करते हुए प्रतिवर्ष 21 मार्च को आंतरिक वन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिन को विश्व भर में सभी तरह के वनों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने और उनके महत्व को समझाने के तौर पर मनाया जाता है।
हर साल होता है अलग थीम
हर साल अलग-अलग थीम पर इस दिन को मनाया जाता है। इस वर्ष इसका थीम, ‘फॉरेस्ट रिस्ट्रॉप: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल बीइंग’ है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस वर्ष की थीम संयुक्त राष्ट्र की पारिस्थितिकी तंत्र बहाली (2021-2030) पर आधारित है। जिसका उद्देश्य सीखने के पारिस्थितिकी तंत्र का बचाव और पुनरुत्थान करना है।
साथ ही इस दिन दुनिया भर के देशों में वनों के संरक्षण के उद्देश्य से राष्ट्रीय और आंतरिक स्तर के साथ साथ स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न कार्यक्रमों और वृक्षारोपण अभियान का भी आयोजन किया जाता है। हर साल इस दिन को हमारे जीवन में वनों के महत्व को समझने के लिए किया जाता है।
दुनिया के 1.6 बिलियन लोगों की आजीविका वनों पर निर्भर हैं
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया के लगभग 1.6 बिलियन लोग अपने भोजन, आवास और दवाईयों के साथप-साथ आजीविका के लिए सीधे तौर पर वनों पर निर्भर करते हैं। हर साल खोज में लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर वन काम होता है जो कि वायु परिवर्तन का मुख्य कारण है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार हम जिन दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं उनमें से 25 प्रतिशत इन्हीं वनों से मिलते हैं। न्यूयॉर्क, टोक्यो, बार्सिलोना और बोगोटा सहित कई बड़े शहरों का एक तिहाई हिस्सा पीने के पानी के लिए इन संरक्षित वनों पर निर्भर करता है।
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