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IPL 2021: अमित मिश्रा का बड़ा बयान, बोले- अच्छे कप्तान की देखरेख में बनता है अच्छा लेग स्पिनर

IPL 2021: अमित मिश्रा का बड़ा बयान, बोले- अच्छे कप्तान की देखरेख में बनता है अच्छा लेग स्पिनर

by Sneha Shukla

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नई दिल्ली: भारतीय प्रामियर लीग (IPL) के सफल लेग स्पिनर अमित मिश्रा का मानना ​​है कि कलाई से गेंद को स्पिन करना एक मुश्किल कला है जिसके लिए काफी अभ्यास के साथ मैच के बुरे पलों में कप्तान के साथ की भी जरूरत होती है। भारतीय क्रिकेट में अंगुली के स्पिनर की जगह पाठक के स्पिनरों को तरजीह दी गई लेकिन चार साल के बाद टीम एक बार फिर से अंगुली के स्पिनरों की तरफ देख रही है। मिश्रा का मानना ​​है कि अच्छे लेग स्पिनर को विकसित करने में अच्छी कप्तानी की जरूरत होती है।

मिश्रा ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा, ‘किसी भी लेग स्पिनर को एक अच्छे कप्तान की जरूरत होती है। जब गेंदबाज के खिलाफ रन बन रहे होते हैं तो उसे ऐसा कप्तान होना चाहिए जो उसका आत्मविश्वास बढ़ा सके। ‘ आईपीएल में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करने वाले मिश्रा ने कहा, ‘मेरा मतलब ऐसे कप्तान से है जो लेग स्पिनर की एकता को समझ सके।’

मिश्रा ने भारत के लिए सभी प्रारूपों में 68 मैच खेले हैं। युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव और राहुल चाहर को छोड़कर वर्तमान में भारतीय क्रिकेट में कोई अच्छा लेग स्पिनर नहीं है। लेग स्पिन गेंदबाजी करने वाले राहुल तेवतिया की पहचान एक बल्लेबाजी ऑलराउंडर हैं।

अधिक गुणवत्ता

उन्होंने कहा, ‘पिछले पांच-छह साल में, हमारे पास कुछ अच्छे लेग-स्पिनर आए हैं, लेकिन जब हमारे पास और ऐसे गेंदबाज होंगे तो हमें अधिक गुणवत्ता मिलेगी, जिनके पास कौशल होगा और वे अपनी इस कला को अगली पीढ़ी के साथ साझा करेंगे। करेंगे। ‘ उन्होंने कहा, ‘लेग स्पिन से जुड़े ज्ञान को अगली पीढ़ी को प्रदर्शित करना जरूरी है क्योंकि यह एक कला की तरह है।’

बता दें कि मिश्रा ने आईपीएल के 150 मैचों में 160 विकेट लिए है और वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजी की सूची में लसिथ मलिंगा (170) के बाद दूसरे स्थान पर है। इस अनुभवी गेंदबाज ने कहा, ‘मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं कह रहा हूं कि हमारे पास अच्छे लेग स्पिनर नहीं है, हमारे पास ऐसे कई गेंदबाज है लेकिन उनमें से ज्यादातर को मार्गदर्शन की जरूरत है। एक बार जब यह मार्गदर्शन उपलब्ध होगा तो आप बड़ी संख्या में ऐसे पहलवानों को देखेंगे। ‘

नया शॉट

मिश्रा ने कहा कि शिष्यों ने नए निशाने इजात किए हैं और ऐसे में विशेष रूप से टी 20 प्रारूप में यह गेंदबाजों के लिए अधिक राजनीतिक हो गया है। उन्होंने कहा, ‘टी -20 एक ऐसा प्रारूप है जिसमें आप कभी ढिलाई नहीं बरत सकते हैं। विशेष रूप से आईपीएल में, क्योंकि आगंतुक हमेशा आपके विरुद्ध आक्रमण करना चाहते हैं। अगर आप पिछले कुछ वर्षों को देखते हैं तो टी 20 के स्ट्रोकप्ले (शिष्यों के निशाने) में कितने बदलाव आए हैं और इसी तरह गेंदबाज को भी विकसित होने की जरूरत है। ‘

बता दें कि मिश्रा भारत के लिए आखिरी बार 2017 में खेले थे। वह 2016 में चीन के खिलाफ अपने पिछले एकदिवसीय श्रृंखला में 15 विकेट के साथ मैन ऑफ द सीरीज रहे थे। इसके बाद उन्हें सिर्फ दो टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में मौका मिला और फिर टीम से बाहर कर दिया गया।

मिश्रा से जब पूछा गया कि वह क्या धीमी गेंदबाजी कर रहे हैं? उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों को उनके निष्कर्ष निकालने से नहीं रोक सकता लेकिन यह मेरी क्षमता का प्रमाण है कि मैं पिछले 13 सत्रों से दुनिया की सबसे कठिन टी 20 लीग में खेल रहा हूं, जो अपने आप में एक उपलब्धि है।’

उन्होंने कहा, ‘आईपीएल में सबसे अधिक विकेट लेने वालों की सूची में मैं दूसरे स्थान पर हूं। बहुत अधिक व्यक्ति क्या प्रदर्शन करेगा। शीर्ष पत्र में मेरा प्रदर्शन शीर्ष स्तर का रहा है। मेरा काम प्रदर्शन करना है और पिछले कई वर्षों से यही कर रहा हूँ। ऐसे में लोग मेरे बारे में क्या सोच रहे हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। ‘



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