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ISRO वैज्ञानिक को फंसाने के मामले में CBI ने दर्ज किया मुकदमा, केरल पुलिस के पूर्व अधिकारियों से जल्द होगी पूछताछ

ISRO वैज्ञानिक को फंसाने के मामले में CBI ने दर्ज किया मुकदमा, केरल पुलिस के पूर्व अधिकारियों से जल्द होगी पूछताछ

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: इसरो के वैज्ञानिक नंबी नारायणन को केरल पुलिस द्वारा जासूसी केस में फंसाए जाने के मामले में सीबीआई ने विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। सीबीआई इस मामले में जल्द ही इसरो वैज्ञानिक को गिरफ्तार करने वाले और जांच करने वाले केरल पुलिस के पूर्व अधिकारियों से पूछताछ करेगी। इस मामले में तथ्य मिलने पर गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पिछले दिनों संज्ञान लेते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो को निर्देश दिया था कि वह इसरो वैज्ञानिक को फांसा जाने के मामले की जांच करे। इसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आकलन के बाद विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। ध्यान रहे कि इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन को नवंबर 1994 में कथित तौर पर रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज & nbsp; दूसरे देशों के कथित जासूसों को सौंपने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था।

गिरफ्तारी के बाद केरल पुलिस की विशेष इन्वेस्टिगेशन टीम ने इस मामले की जांच भी की थी। इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन इस मामले को लेकर लगभग 50 दिन तक जेल में रहे और जनवरी 1995 में उन्हें जमानत मिली। मामले की शुद्धता को देखते हुए इसकी जांच केरल पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई थी। जानकारी के मुताबिक केरल पुलिस और बाद में सीबीआई दोनों ही इस मामले में सबूत नहीं खोज पाए थे। अप्रैल 1996 में मामले की विस्तृत जांच के बाद सीबीआई ने पाया कि यह मामला अपने आप में खासा प्रदर्शनहास्पद है, लिहाजा सीबीआई ने मामले को अवैध जरूरी बताते हुए केस बंद करने का न्यायालय से अनुरोध किया। & nbsp;

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> मई 1996 में केरल के मजिस्ट्रेट अदालत में इस मामले को खारिज करते हुए मामले के सभी कथित आरोपियों को बरी करने के आदेश जारी किए गए, लेकिन मामला यहीं नहीं थमा। वर्ष 1996 में केरल की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए दोबारा सिफारिश की और तब यह मामला कानूनी लड़ाई में बदल गया।

वर्ष 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को रद्द कर दिया और सभी लोगों को आरोप मुक्त कर दिया और इस मामले की जांच के लिए एक आयोग नियुक्त किया गया। कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट में इस पूरे मामले को फर्जी करार दिया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपये देने का हुक्म जारी किया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की लंबी सुनवाई के बाद सीबीआई को निर्देश दिया कि जिन अधिकारियों की भूमिका इसरो वैज्ञानिक को फंसाने में रही है, उनकी जांच की जाए। सीबीआई ने अब इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गठित जैन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में जिन अधिकारियों का जिक्र किया है, उन सभी को हस्तक्षेप के लिए बुलाया जाएगा। ध्यान रहे कि केरल पुलिस के जिन अधिकारियों ने इस मामले की जांच की थी, उनमें से अधिकांश केरल पुलिस में अत्यधिक वरिष्ठ पदों से अवशेष पाए गए हैं। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक मामले में सबूत सामने आने पर कुछ लोगों की गिरफ्तारी से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कर्नाटक: चामराजनगर में ऑक्सीजन की कमी के कारण 24 लोगों की मौत हुई, सीएम ने दी जांच के आदेश

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