Home » Mumbai: स्लम में रहने वालों को कैसे लगेगी वैक्सीन? बिना स्मार्टफोन कैसे करेंगे रजिस्ट्रेशन?
Mumbai: स्लम में रहने वालों को कैसे लगेगी वैक्सीन? बिना स्मार्टफोन कैसे करेंगे रजिस्ट्रेशन?

Mumbai: स्लम में रहने वालों को कैसे लगेगी वैक्सीन? बिना स्मार्टफोन कैसे करेंगे रजिस्ट्रेशन?

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कोरोनावायरस से बचने के लिए देश भर में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। इसी कड़ी में मुंबई में भी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन वैक्सीनेशन का फायदा केवल शिक्षित वर्ग और उन लोगों को मिल रहा है जो स्मार्ट फोन यूजर्स हैं। दरअसल केंद्र सरकार ने वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य बताया है। ऐसे में झुग्गियों में रहने वाले लोग वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक झुग्गियों में रहने वाले लोगों में पंजीकरण प्रक्रिया का अभाव है। सबसे पहले क्लम में रहने वाले ज्यादातर लोग स्मार्टफोन यूजर नहीं हैं और अगर किसी के पास स्मार्टफोन है भी तो उन्हें पंजीकरण प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं है। जबकि सरकारी अनुमानों के मुताबिक मुंबई की 1.3 करोड़ आबादी में से 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग झुग्गियों में रहते हैं और वर्तमान समय में ये वैक्सीन का लाभ लेने में असमर्थ हैं। बदम में रहने वाले कुछ लोगों ने वैक्सीन को लेकर अपनी समस्याएं साझा की हैं।

मजदूर ने बताई वैक्सीन लागू < मजबूत> की कारण

जानकारी के मुताबिक मुंबई के मलाड में शहाबुद्दीन कारकार नाम के 30 साल के मजदूर ने बताया कि उसके पास एक बंद फोन है, लेकिन डेटा पैक नहीं है, जिसकी वजह से वो वैक्सीन के लिए पंजीकरण नहीं कराए गए हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने पड़ोसी की मदद से पंजीकरण कराने की कोशिश की थी, लेकिन वे भी नहीं बने। शहाबुद्दीन ने बताया कि उसे पंजीकरण की कोई जानकारी नहीं है। इसलिए साल के अंत में जब वह बंगाल में अपने गांव जाएगा तो वहां वैक्सीन लगवाएगा।

सुनीता को कैसे मिलेगा दूसरा डोज < strong>?

42 साल की सुनीता वाघ ने पिछले महीने कोविशील्ड की पहली डोज लाइन में लगकर ली थी और अगले सप्ताह दूसरी डोज के लिए जाना है, लेकिन उनके पास ना तो मोबाइल है और ना उन्हें कोविन ऐप की कोई जानकारी नहीं है। सुनीता ने बताया कि पहले डोज उन्हें कूपर अस्पताल में शुरू किया गया था, लेकिन अब ऑफ़लाइन प्रक्रिया की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। वहीं सुनीता ने बताया कि किसी भी स्वास्थ्य अधिकारी या सामुदायिक स्वास्थ्य प्रतिनिधियों ने मलम कॉलोनी का दौरा नहीं किया है, जो लोगों को वैक्सीन के बारे में जानकारी दे सकता है।

यह भी पढ़ें:

ओडिशा में 21 अंडर ट्रायल कैदी हुई कोरोनाइट, आइसोलेशन में इलाज किया जा रहा है

पिछले साल से अब तक 1952 रेल कर्मचारियों की हुई कोरोना से मौत- रेलवे ने दी जानकारी

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment