फिल्म उद्योग में कई अनिश्चितकालीन कलाकार हैं। कई लोगों ने अपनी शानदारी काम से फिल्म इंडस्ट्री की सूरत और सीरत को बदल कर रख दी है। एक ऐसे ही दिग्गज कलाकार का नाम है सत्यजीत रे। सत्यजीत रे एक ऐसा नाम जिसका डंका देश ही नहीं विदेश में भी बजता था। उन्होंने एक बाद एक कई हिट फिल्में बनाईं और ये साबित कर दिया कि उनके पास सिनेमा के प्रति एक अलग दृष्टिकोण है जो उन्हें सबसे अलग बनाता है।
आज सत्यजीत रे की 100 वीं जन्मदिवस है और उनके कामों को याद रखना है। भी लाजमी है। सत्यजीत ने अपने शानदार करियर में कई हिट अवॉर्ड्स जीते। यहां तक कि उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए ऑस्कर से भी सम्मानित किया गया था। तबीयत ठीक न होने के चलते वह ऑस्कर लेने नहीं जा सके थे तो संबंधित अधिकारी खुद उन्हें ये सम्मान देने वाला कल आ गए थे। खैर, इसके अलावा उनके द्वारा किया गया काम भी आज के फिल्म मेकर्स के लिए उदाहरण से कम & nbsp; नहीं है।
लंदन में फिल्म देखकर आया था आइडिया < p> सत्यजीत रे की पहली फिल्म ‘पाथेर पंचोली’ थी। उन्हें इस फिल्म का आइडिया भारत नहीं बल्कि लंदन से आया था। वास्तव में 1950 में वह नौकरी के काम से लंदन गए थे। यहां उन्होंने सिनेमा के प्रति अपने लगाव को धार देने के लिए एक के बाद एक कई फिल्में देखीं, लेकिन एक फिल्म उनके दिमाग में ऐसे घर कर गई कि उन्होंने भी फिल्म बनाने का फैसला कर लिया। इस फिल्म का नाम था- बाइसिकल थाव्स। उन्होंने इस फिल्म को देखने के बाद आगे की रूप रेखाए अपने दिमाग में बना ली थी। & nbsp;
पाथेर पंचोली में सत्यजीत रे ने भारत की एक ऐसी तस्वीर पेश की थी जिससे कई लोग बिल्कुल भी खुश नहीं थे। यही कारण था कि फिल्म जब बन रही थी तो कोई भी इसमें पैसे लगाने को तैयार नहीं था और अगर कोई तैयार भी होता था तो अपने हिसाब से बदलाव भी चाहता था। ऐसे में सत्यजीत रे की मदद के लिए बंगाल सरकार आगे आई थी, जिसके बाद ये बनकर तैयार हुई थी। फिल्म में भारत की गरीबी पर विशेष ध्यान दिया गया था, जिसे विदेश में तो काफी पसंद भी किया गया था, लेकिन देश में इसका विरोध भी हुआ था।
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