तारक मेहता का उल्टा चश्मा (तारक मेहता का उल्टा चश्मा) में पोपटलाल (पोपटलाल) इन दिनों एक जरूरी मिशन हैं। वह दवा के दलालों और जमाखोरों की पोल खोलने के लिए स्टिंग ऑपरेशन करने जा रहे हैं, जिसमें वे डॉ। हाथी को अपने प्लान में शामिल कर लिया है। और अब दोनों पहुंच गए हैं मुंबई से दूर एक पुनरुत्थान में। जहां वे स्टिंग्विजेशन को अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं। लेकिन क्या वास्तव में इस मिशन में कामयाब होंगे? ये तो भविष्य में पता चल ही जाएगा। लेकिन वर्तमान में पोपटलाल काफी डरे हुए और घबराए हुए हैं। इस डर से कि कहीं उनका मिशन फेल न हो जाए। इस मिशन को पोपटलाल ने नाम दिया है ऑपरेशन काला कौआ।
पहचान बदलकर फिर से शुरू हुई
डॉ। हाथी ने मिशन की शुरुआत कर दी है लेकिन उन्हें छोटे प्यादों को नहीं बल्कि मास्टरमाइंड को पकड़ना है। लिहाज़ा उन्हीं लोगों की सलाह पर वे एक पुनर्वसन में रुके हैं। वहीं पोपटलाल ने भी उसी रिसॉर्ट में एक कमरा बुक कराया है और बूढ़े आदमी का गेटअप के बारे में वे वहां रहने के लिए पहुंच गए हैं। और अब इंतज़ार किया जा रहा है उन जमाखोरों के फोन का जिन्हें डॉ। हाथी ने कॉन्टैक्ट किया था।
हंसी के साथ लोगों को कर रहे हैं सावधान
यूं तो तारक मेहता का उल्टा चश्मा एक कॉमेडी शो है लेकिन महामारी के इस दौर में इंसानियत का फर्ज़ समझते हुए अब कॉमेडी के साथ साथ लोगों को जागरूक करने भी किया जा रहा है। जो हालात इस समय बने हुए हैं वहीं सच्चाई स्क्रीन पर दिखाई जा रही है ताकि लोगों को जागरूकुख किया जा सके। लोगों की विवशता का फायदा उठाने के लिए आज कुछ ऐसा ही जमाखोरी का गोरखधंधा मूलरूप में भी चल रहा है जिससे उसमें रहने और जागृति होने की बहुत ही आवश्यकता है।
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