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उत्तर प्रदेश समन्वय सेवा चयन आयोग ने ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 1953 पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षा को निरस्त कर दिया है। आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। शासन के आदेश पर इसकी एसआईटी जांच कराई गई और जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद आयोग ने यह फैसला किया है।
नवंबर 2018 में हुई परीक्षा थी
ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के 1953 पदों पर भर्ती के लिए 22 व 23 अक्टूबर 2018 को परीक्षा कराई गई थी। परीक्षा में नौ लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठे। इसका परीक्षा परिणाम 28 अगस्त 2019 को जारी किया गया। परीक्षा परिणाम आने के बाद धांधली की पुष्टि हुई। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सीबी पालीवाल के निर्देश पर उस समय इसकी एफआईआर दर्ज कराई गई। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी शासन को दी गई।
एसआईटी जांच हुई
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने पूरे मामले की जांच एसआईटी से कराने का आदेश 20 मार्च 2020 को दिया। इसके आधार पर समन्वयकारी सेवा चयन आयोग ने भर्ती संबंधी सभी कार्यवाही 20 जून 2020 से रोक दी थी। इसके बाद से ही इन पदों पर भर्ती के लिए दावेदारों ने हंगामा शुरू किया, लेकिन जांच रिपोर्ट के आधार पर इसे निरस्त किए जाने का फैसला किया गया।
किसके कितने पद
- ग्राम पंचायत अधिकारी 1527
- ग्राम विकास अधिकारी 362
- निरीक्षक (समाज कल्याण) ६४
भर्ती कब हुई
- भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया जून 2018 में
- ऑनलाइन पंजीकरण 30 मई 2018 से
- आवेदन की अंतिम तिथि 29 जून 2018
- परीक्षा 22 व 23 अक्टूबर 2018 को हुई
- शासन ने 20 मार्च 2020 को एसआईआईटी का गठन किया
- आयोग के रिकॉर्ड परीक्षण का काम 27 मार्च 2020 को रोक दिया गया
तीन और परीक्षाओं के अगले आदेशों तक टिके रहते हैं
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके साथ ही वन रक्षक और वन्य जीव रक्षक के 728 पदों पर भर्ती के लिए चार अप्रैल से होने वाली परीक्षा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी है। इसी तरह सहायक बोरिंग तेजिशियन के 486 पद के लिए 25 अप्रैल को प्रस्तावित प्रतियोगितात्मक परीक्षा और सहायक सांख्यिकीय अधिकारी और सहायक शोध अधिकारी के 904 पदों पर भर्ती के लिए 8 मई को होने वाली प्रतियोगितात्मक परीक्षा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। इस संबंध में आयोग के परीक्षा नियंत्रक दिनेश ने आदेश जारी कर दिया है।
परीक्षा प्रदान करने वाली एजेंसी शक्ति के दायरे में
ग्राम विकास अधिकारी भर्ती की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी जिस एजेंसी को दी गई थी, वह कठिन के दायरे में है। उसी एजेंसी को वन रक्षक और वन्य जीव रक्षक, सहायक बोरिंग तेजिशियन और सहायक सांख्यिकीय अधिकारी और सहायक शोध अधिकारी परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। इसीलिए ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा निरस्त किए जाने के साथ ही अन्य तीनों परीक्षार्थियों नाराज की गई हैं। एजेंसी के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।
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