हिंदी सिनेमा में अपना खास मुकाम बनाने वाली सुपरस्टार वैजयंती माला (वैजयंतीमाला) कभी भी एक एक्ट्रेस बनना नहीं चाहती थीं। ये वो दौर था जब बड़े घर के लोग नाटक और सिनेमा में काम करना अच्छा नहीं मानते थे। वैजयंती बचपन से ही भरतनाट्यम सीखती थीं। इतना ही नहीं, साढ़े चार साल की उर्म में उन्होंने पहली बार स्टेज पर परफॉर्म भी किया था। एक बार जब वो मंच पर डांस कर रहे थे तब उनका वो परफॉर्मेंस डायरेक्टर एम। वी। रमन ने भी देखा। वी रमन उस वक्त नई फिल्म के लिए एक न्यूकमर की तलाश में थे।
स्टेज पर डांस करती हुई वैजयंती माला एम वी रमन को इतनी पसंद आईं कि फिल्म का प्रस्ताव लेकर उनके घर पहुंच गए। जैसे ही वैजयंती ग्रंथ की दादी को इस बात की खबर हुई तो उन्होंने तुरंत कर दिया। हालांकि, एम। वी रमन ने उन्हें निर्दिष्ट किया कि फिल्म में काम करने से वैजयंती की पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा। बहुत उग्र पर दादी मानी, जिसके बाद वैजयंतीभूमि भी मान गई। इस फिल्म का नाम ‘वसकई’ था, जब यह रिलीज हुई तो बहुत बड़ी हिट बनी। इतना ही नहीं, ये फिल्म इतनी बड़ी हिट हुई कि तेलुगू भाषा में इसकी रीमेक बना और इसमें भी वैजयंती माला ही हरदिन बनी रही, जिसके लिए उन्होंने अपने पिता से तेलुगू सीखी थी।
फिर एवीएम प्रोडक्शन ने इसी फिल्म को वैजयंती माला के साथ हिंदी भाषा में बनाया जो 1951 में रिलीज हुई थी जिसका नाम रखा गया ‘बहार’। आपको बता दें कि वैजयंती ग्रंथ की फिल्म ‘बहार’ उस साल रिलीज हुई फिल्मों में कमाई के मामले में छठी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। इस फिल्म में वैजयंती माला के डांस का पूरा भारत दीवाना हो गया था।
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