कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार (7 मई) को कहा कि पार्टी विधायक पश्चिम बंगाल विधानसभा में स्पीकर के लिए चुनाव का बहिष्कार करेंगे और इसके नवनिर्वाचित विधायक तब तक सदन में उपस्थित नहीं होंगे, जब तक कि राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा नियंत्रित नहीं हो जाती।
स्पीकर का चुनाव शनिवार के लिए निर्धारित है।
घोष ने राज्य विधानसभा में संवाददाताओं से कहा, “हम कल स्पीकर के चुनाव में शामिल नहीं होंगे। हम सदन के सत्रों में भी शामिल नहीं होंगे।”
उन्होंने यह भी कहा, “जब तक हमारे विधायकों को पूरी सुरक्षा नहीं मिल जाती, हम विधानसभा में नहीं आएंगे। हम तभी आएंगे जब हमारे विधायक हमारे कार्यकर्ताओं के साथ चल पाएंगे।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी और आईएसएफ दोनों में से 16 लोगों की जान चली गई थी। परिणाम 2 मई को घोषित किए गए थे।
घोष ने कहा, “हम उम्मीद करेंगे कि सरकार हिंसा को रोकने के लिए पहल करेगी और हिंसा में प्रभावित लोगों को मुआवजा देगी।”
बनर्जी ने घोषणा की थी कि राज्य में आठ चरण के चुनाव के बाद हुई हिंसा में मारे गए लोगों में से प्रत्येक के परिवार के सदस्यों को सरकार द्वारा मुआवजे के रूप में 2-2 लाख रुपये दिए जाएंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार-सदस्यीय तथ्य-खोजी टीम राज्य के दौरे पर जा रही है ताकि इसके कारणों पर गौर किया जा सके चुनाव के बाद की हिंसा।
उन्होंने राज्य सचिवालय में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात की और शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात कर हिंसा पर रिपोर्ट मांगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने धनखड़ को राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति पर एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है, विशेष रूप से हिंसा जो चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हुई।
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