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WHO की दुनिया के देशों से अपील- बच्चों को अभी ना लगाएं वैक्सीन, गरीब देशों को दान के बारे में सोचें

WHO की दुनिया के देशों से अपील- बच्चों को अभी ना लगाएं वैक्सीन, गरीब देशों को दान के बारे में सोचें

by Sneha Shukla

विश्व स्वास्थ्य संस्था (डब्ल्यूएचओ) ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 का हर साल स्वस्थ रहने के लिए ऐसा है। ऐसे में उन्होंने प्रेषित करते हुए दुनिया के अमीर देशों से कहा कि वे बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगाने की बजाय इसके डब्लूएचओ के गरीब देशों के लिए कोवैक्स स्कीम के तहत दान करने के बारे में सोचें। डब्ल्यूएचओ चीफ टेड्रोस एडहानॉम गिब्रयेसॉस ने कहा- पहले साल की तुलना में महामारी इस बार ज्यादा भयंकर है। इसमें भारत को लेकर भारी चिंता है।

जेनेवा में एक वर्ग बैठक के दौरान उन्होंने कहा- “मैं जानता हूं कि कुछ देश अपने बच्चों और विद्वानों का वैक्सीनेशन करना चाहते हैं। लेकिन अभी मैं उनके पुनर्विचार करने और डब्ल्यूएचओ के कोविक्स कार्यक्रम के तहत वैक्सीन दान देने की अनुमति देता हूं।”

दुनिया के देशों से WHO की वैक्सीन दान की अपील

कोरोना वायरस ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (संस्करण) ने विशेषज्ञों की एक विशेषज्ञ की समीक्षा की है। ट्वाइलाइट, कुछ अन्य विशेषज्ञ ने कहा कि को ताकत समिति ने कहा है कि महामारी के आरंभिक स्थल का पता लगाने के लिए देशों तक पहुंच का अधिकार मिलना चाहिए। समिति ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कोविड -19 से सामना में ढीले-ढाले रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ देश बस ये देखते हुए कि संक्रमण का प्रसार किस तरह हो रहा है, इसके कारण खौफनाक परिणामजे हुए।

समूह ने वैश्विक नेतृत्व की कमी और स्वास्थ्य संबंधी आंतरिक प्रतिबंधात्मक कानूनों की भी आलोचना की जिसके कारण डब्ल्यूएचओ को कदम उठाने में अड़चन आयी। कुछ विशेषज्ञों ने कोविड -19 के दौरान डब्ल्यूएचओ और अन्य को जवाबदेह ठहराने में नाकाम रहने के लिए समिति की आलोचना करते हुए कहा कि यह जिम्मेदारी से पलायन जैसा है। जॉर्जटाउन वर्दीवसिर्टी की प्रोफेसर लॉरेंस गोस्टिन ने कहा कि समिति ” चीन जैसी बुरी ताकतों का नाम लेने में नाकाम रही है। ” इस समिति में लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरफ़र और न्यूजीलैंड की पूर्व राष्ट्रपति हेलेन क्लार्क थे। जॉनसन सरफ़र ने कहा, ” आज जो स्थिति पैदा हुई है, हम उसे रोक सकते हैं। ”

WHO की क्षमता बढ़ाने की कार्यशीलता

जांच की जांच के लिए सक्षम होने के साथ-साथ सक्षम हों। साझा करने और साझा करने के लिए बैठकें करने के लिए। इत्तेफाक के साथ ऐसा करना चाहिए। क्लार्क ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की भूमिका मजबूत करने के साथ वैश्विक स्तर पर बीमारी निगरानी तंत्र को दुरूस्त करना चाहिए। संदेश ने कहा, ” को कॉल की जांच का अधिकार, त्वरित से चालू होने और राष्ट्र की गुणवत्ता को सूचित करने की आवश्यकता होगी।”

लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर शोफी हरमन ने कहा कि समिति की सिफारिशों का डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश शायद ही स्वागत करेंगे और इसे लागू करने की भी इजाजत नहीं देंगे। कौन

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