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सांकेतिक तस्वीर....

अलर्ट: सांस लेने में हो रही है दिक्कत, यानी फेफड़ों में पहुंचा है संक्रमण

by Sneha Shukla

अमर उजाला रिसर्च टीम, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
Updated Sun, 02 May 2021 06:15 AM IST

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  • क्या तुम को सांस लेते समय अपने सीने में हल्का या तीखा दर्द महसूस हो रहा है?
  • क्या सूखी खांसी है और खांसते समय छाती में दर्द महसूस होता है?
  • और क्या छाती के निचले हिस्से में दर्द या फेफेड़ों में सूजन महसूस हो रही है?

अगर ये तीन में से कुछ भी आपके साथ हो रहा है तो यह आपके फेफड़े हो सकते हैं, जो आपको चैता रहे हैं कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। आपको जल्द ही जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करके इजाज शुरू कर देना चाहिए।

देश के विभिन्न चिकित्सालयों में लाखों लाखों कोरोनाटिकनों की जांच के आधार पर चिकित्सकों ने यह तीन लक्षण पहचाने हैं, जहां फेफड़े खुद बता रहे हैं कि उन तक संक्रमण पहुंच चुका है।

खतरे की बात यह भी है कि ज्यादातर मामलों में लक्षण लक्षण सामने आने तक 20 से 25 प्रति तक फेफड़े में हो चुके होते हैं। दरअसल, कोरोनावायरस का नया रूप सीधा फेफड़े को निष्क्रिय करने वाला है। इसकी वजह से सांस लेने मे दिक्कत हो रही है। अगर मरीज की उम्र ज्यादा है तो उसे हृदय रोग, कैंसर या डायबिटीज है तो यह लक्षण गंभीर अवस्था में मिल रहे हैं।

फेफड़ों पर इसलिए
वायरस का यह नया रूप हमारे शरीर के श्वसन मार्ग में तेजी से फैलता है। 80 प्रतिशत में यह लक्षण हल्के या मध्यम श्रेणी के हैं। सामान्य संक्रमण निमोनिया और फेफड़ों के गहन संक्रमण हो जाता है जिससे फेफड़े में सूजन आ जाती है और यह संकेत है कि वे कोरोना से लड़ रहे हैं। एक हिस्से में हुआ संक्रमण धीरे-धीरे और रोगी अगर कमजोर हुआ तो तेजी से पूरे फेफड़े में चेतन कर सकता है।

परिणाम यह होता है
संक्रमण से रोगी के निमोनिया, सांस लेने में बहुत अधिक परेशानी, फेफड़े का कॉलेप्स कर जाना और कुछ मामलों में मौत हो सकती है। निमोनिया के दौरान फेफड़े में पानी भरने लगता है उससे आई सूजन सांस लेने में कठिनाई और तेज खांसी की वजह बनती है, ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है। इस रोगियों को ऑक्सीजन न मिले तो उनकी मौत हो सकती है।

ज्यादातर मरीज ठीक हो रहे हैं
एक राहत की बात यह है कि इस निमोनिया से ज्यादातर रोगी ठीक हो रहे हैं। उनके फेफड़े पर लंबे समय के लिए नुकसान भी नहीं हो रहा है। हालांकि कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्तत लंबे समय तक बनी रह सकती है।

मजबूत बनाएँ फेफड़े

  • एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति रोजाना 30 से 60 मिनट तक ऐसे शारीरिक व्यायाम करे जिसमें उसे हांफना पड़े।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार इससे फेफड़ों की कार्यप्रणाली बेहतर होती है, वे ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण करके शरीर को पहुंचाने वाले होते हैं।
  • ये व्यायाम में दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी आदि प्रमुख हैं।
  • इससे भी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ रही है।

विस्तार

  • क्या तुम को सांस लेते समय अपने सीने में हल्का या तीखा दर्द महसूस हो रहा है?
  • क्या सूखी खांसी है और खांसते समय छाती में दर्द महसूस होता है?
  • और क्या छाती के निचले हिस्से में दर्द या फेफेड़ों में सूजन महसूस हो रही है?

अगर ये तीन में से कुछ भी आपके साथ हो रहा है तो यह आपके फेफड़े हो सकते हैं, जो आपको चैता रहे हैं कि वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। आपको जल्द ही जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करके इजाज शुरू कर देना चाहिए।

देश के विभिन्न चिकित्सालयों में लाखों लाखों कोरोनायनों की जांच के आधार पर चिकित्सकों ने यह तीन लक्षण पहचाने हैं, जहां फेफड़े खुद बता रहे हैं कि उन तक संक्रमण पहुंच चुका है।

खतरे की बात यह भी है कि ज्यादातर मामलों में लक्षण लक्षण सामने आने तक 20 से 25 प्रति तक फेफड़े में हो चुके होते हैं। दरअसल, कोरोनावायरस का नया रूप सीधा फेफड़े को निष्क्रिय करने वाला है। इसकी वजह से सांस लेने मे दिक्कत हो रही है। अगर मरीज की उम्र ज्यादा है तो उसे हृदय रोग, कैंसर या डायबिटीज है तो यह लक्षण गंभीर अवस्था में मिल रहे हैं।

फेफड़ों पर इसलिए

वायरस का यह नया रूप हमारे शरीर के श्वसन मार्ग में तेजी से फैलता है। 80 प्रतिशत में यह लक्षण हल्के या मध्यम श्रेणी के हैं। सामान्य संक्रमण निमोनिया और फेफड़ों के गहन संक्रमण हो जाता है जिससे फेफड़े में सूजन आ जाती है और यह संकेत है कि वे कोरोना से लड़ रहे हैं। एक हिस्से में हुआ संक्रमण धीरे-धीरे और रोगी अगर कमजोर हुआ तो तेजी से पूरे फेफड़े में चेतन कर सकता है।

परिणाम यह होता है

संक्रमण से रोगी के निमोनिया, सांस लेने में बहुत अधिक परेशानी, फेफड़े का कॉलेप्स कर जाना और कुछ मामलों में मौत हो सकती है। निमोनिया के दौरान फेफड़े में पानी भरने लगता है उससे आई सूजन सांस लेने में कठिनाई और तेज खांसी की वजह बनती है, ऑक्सीजन लेवल घटने लगता है। इस रोगियों को ऑक्सीजन न मिले तो उनकी मौत हो सकती है।

ज्यादातर मरीज ठीक हो रहे हैं

एक राहत की बात यह है कि इस निमोनिया से ज्यादातर रोगी ठीक हो रहे हैं। उनके फेफड़े पर लंबे समय के लिए नुकसान भी नहीं हो रहा है। हालांकि कुछ मामलों में सांस लेने में दिक्तत लंबे समय तक बनी रह सकती है।

मजबूत बनाएँ फेफड़े

  • एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति रोजाना 30 से 60 मिनट तक ऐसे शारीरिक व्यायाम करता है जिसमें उसे हांफना पड़ता है।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार इससे फेफड़ों की कार्यप्रणाली बेहतर होती है, वे ज्यादा ऑक्सीजन ग्रहण करके शरीर को पहुंचाने वाले होते हैं।
  • ये व्यायाम में दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी आदि प्रमुख हैं।
  • इससे भी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ रही है।

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