आईसीआईसीआई बैंक को वित्त वर्ष 2020-21 की आखिरी तिमाही के दौरान शुद्ध मुनाफे में 261 प्रति का भारी भरकम मुनाफा हुआ है। इस दौरान बैंक का शुद्ध मुनाफा बढ़ा कर 4,402 करोड़ रुपये पहुंच गया। दरअसल बैंक की ब्याज आय में अच्छी-खासी वृद्धि और प्रोविजिनिंग में कमी की वजह से शुद्धीकरण में यह जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है।
ब्याज आय में बदल
इसके पिछले वित्त वर्ष (2019-200) की चौथी तिमाही की तुलना में परिचालन मुनाफे में 15.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस दौरान यह 8540 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान इसकी पिछली अवधि की तुलन में ब्याज आय भी 5.24 प्रति भी बढ़ गई। पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में यह 10,431 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान बैंक ने अपनी प्रोविजिनिंग घटाई है और ये घटते 2,883 करोड़ रुपये हो गए। हालांकि बैंक ने मार्च तिमाही में 1000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रोविजिनिंग को विभाजित के किए में की है। मार्च 2021 तक प्रोविजिनिंग कवरेज रेशो 77.7 प्रतिशत तक पहुंच गया।
एनपीए में भी गिरावट
बैंक का कुल एनपीए मार्च 2021 के अंत में कुल एडवांस के मुकाबले घटकर 4.96 फीसदी रह गया, जो 31 मार्च 2020 को 5.53 फीसदी था।इसी तरह शुद्ध एनपीए भी 1.41 फीसदी से घटकर 1.14 फीसदी पर आ गया। इस तिमाही में बैंक को एनपीए के लिए 2883.47 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इस मद में प्रावधान 5,967.44 करोड़ रुपये का था।
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