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इधर कोरोना हो रहा ताकतवर, उधर ‘हथियार’ पड़ रहे कम, जानें मुंबई समेत अन्य जगहों पर कैसे हैं वैक्सीनेशन के हालात

by Sneha Shukla

एक ओर जहां भारत में कोरोना लगातार ताकतवर हो रही है, वहीं दूसरी ओर कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में राज्यों को वैक्सीन की किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोनावायरस अपने खतरनाक तेवर दिखा रहा है और महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों में हालत ऐसी है कि एक से दो दिन की ही वैक्सीन का स्टॉक बचा है। वैक्सीन की सबसे ज्यादा कमी महाराष्ट्र में दिख रही है, यही कारण है कि आज यानी शुक्रवार को 51 वैक्सीनेशन सेंटर बंद कर दिए गए हैं। यहां सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि कोरोना लगातार पांव पसार रहा है और रोजाना लाख में केस आ रहे हैं, लेकिन किस उतार से केस सामने आ रहे हैं, उस अनुपात में टीकाकरण नहीं हो रहा है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, वैक्सीन की किल्लत के कारण बांद्रा कुर्ला कंपलेक्स (बीकेसी) में स्थित विभाजित -19 देखभाल केंद्र सहित कई टीकाकरण केंद्रों पर शुक्रवार की सुबह टीकाकरण रोक दिया गया है। बृहन्मुथ महानगरपालिका (बीएमसी) के सूत्रों ने बताया कि टीके की उपलब्धता घटने के कारण दोपहर या शाम तक बाकी केंद्रों पर भी टीकाकरण अभियान रोकना पड़ सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महाराष्ट्र में स्थिति ऐसी आ गई है कि टीकाकरण स्थलों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ने लगी है, लेकिन टीकों की कमी की वजह से लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है।

वैक्सीन की कमी के बीच शुक्रवार को भी मुंबई के 51 टीकाकरण केंद्र बंद रहेंगे। इसके अलावा, सीमित स्टॉक होने के कारण, कुछ इसी केंद्रों को भी बंद करना पड़ सकता है, जहां टीके दिए जा रहे हैं। आपको बता दें कि आज मुंबई में प्रभावी रूप से 69 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन दी जा रही है। मुंबई में कुल 120 टीकाकरण केंद्र हैं, जिनके प्रतिदिन 200 से अधिक सत्रों में संचालन होता है।

बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमरे ने बताया कि मुंबई को शुक्रवार को को विभाजित -19 टीके की 1.80 लाख खुराक मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, टीका उपलब्ध नहीं रहने के कारण 120 में से 75 निजी अस्पतालों में शुक्रवार की सुबह टीकाकरण रोक दिया गया जबकि कुछ अन्य केंद्रों पर अगले कुछ घंटों में अभियान रोक दिया गया। बीकेसी में बीएमसी द्वारा स्थापित को विभाजित -19 के विशाल केंद्र में भी टीकाकरण रोक दिया गया है। वहाँ टीके की 200 से कम खुराकें ही बची हुई थीं जिनका उपयोग कर दिया गया था। केंद्र के एक डॉक्टर ने इस बारे में बताया। मुंबई के अलावा, महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर है।

मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने बृहस्पतिवार को कहा था कि शहर में को विभाजित -19 रोधी टीकों का स्टॉक खत्म होने को है, जिसके चलते शुक्रवार को टीकाकरण अभियान रोका जा सकता है। उन्होंने तुरंत टीके की आपूर्ति की मांग भी की थी। बीएमसी ने दावा किया है कि बृहस्पतिवार को टीके की कमी के कारण मुंबई के 25 निजी अस्पतालों में लोगों को टीके की खुराक नहीं दी जा सकी। स्थिति के बारे में पूछे जाने वाले गोमरे ने कहा कि जिन स्थानों पर टीके उपलब्ध नहीं हैं वहाँ टीकाकरण रोक दिया गया है। उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।

और कहां-कहां वैक्सीन की किल्लत
ओडिशा और पंजाप से लेकर झारखंड तक केंद्र से वैक्सीन की मांग की है। झारखंड में केवल कुछ दिनों के लिए वैक्सीन बची है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड में केवल कुछ दिनों के लिए वैक्सीन बची है। गुप्ता ने कहा कि हमारे पास अगले 1-2 दिनों के लिए स्टॉक है, हमने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया है और मुझे उम्मीद है कि वह हमें वैक्सीन प्रदान करेंगे।

बिहार-छत्तीसगढ़ में भी वैक्सीन की कमी है
बिहार में भी कोरोना की वैक्सीन की कमी होने वाली है। यहां भी बताया जा रहा है कि महज दो दिन का ही स्टॉक बचा है। बता दें कि बिहार में रोजाना औसतन 1.7 लाख डोज की खपत है, जबकि उसके पास महज करीब 2.6 लाख डोज बचे हैं। ऐसे में उत्पात तुरंत नहीं होता है तो वैक्सीनेशन इन्फ हो सकता है। वहीं, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने गुरुवार को कहा कि राज्य में केवल तीन दिनों के लिए टीकों का भंडार है। हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र ने टीकों की आपूर्ति का आश्वासन दिया है।

आंध्र प्रदेश और ओडिशा में भी टीएसी की किल्लत
आंध्र प्रदेश सरकार को विभाजित टीके की कमी को पूरा करने के लिए कम से कम एक करोड़ खुराकों की तत्काल आपूर्ति करने का केंद्र सरकार अनुरोध करेगी। राज्य में टीकों का मौजूदा भंडार दो दिनों से ज्यादा नहीं चलेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को बृहस्पतिवार को बैठक के दौरान बताया कि वर्तमान में राज्य में टीके की सिर्फ तीन लाख खुराकें हैं जबकि औसतन 1.4 लाख लोगों को प्रतिदिन टीका लगाया जा रहा है। वहीं, ओडिशा में भी वैक्सीन की कमी महसूस की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास ने कहा कि अगर उन्हें अगले दो दिनों के भीतर टीके नहीं मिलेंगे, तो राज्य में टीकाकरण अभियान को पूरा करना होगा। उन्होंने दावा किया कि 1400 में से हमारे 700 टीकाकरण केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं।

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