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संवाददाता डेस्क, अमर उजाला, देहरादून / हलद्वानी द्वारा प्रकाशित: अलका त्यागी अपडेटेड ट्यू, 06 अप्रैल 2021 12:17 AM IST
चमोली जिले से लेकर रुद्रप्रयाग के जंगल इन दिनों जंगल धपर रहे हैं। आग से निकलने वाला धुआँ घाटियों में फैल गया है, जिससे दृश्यता (विजिविलिटी) काफी कम हो गई है। यहाँ से दिखने वाली हिमालय की चोटियाँ तो दिख ही नहीं रही हैं।
लगातार धुंध छाए रहने से यह आँखों के लिए कठिनाई कर सकता है। गोपेश्वर अस्पताल के नेत्रहीन सर्जन डाॅ। निर्मल का कहना है कि लंबे समय तक हवा में राख के कण रहते हैं, जिससे आंख शुष्क होना, सभी, जलन आदि की समस्या हो सकती है।
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घाटी होने के कारण यह धुंध तेजी से आगे भी नहीं बढ़ पाती है। वहीं इससे फेफड़े में भी कठिनाई आ सकती है। खासकर अस्थमा के रोगियों को तो इसमें काफी परेशानी होती है।
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