Home » एडीआर रिपोर्ट: पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण में 25 फीसदी प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले 
पश्चिम बंगाल चुनाव: पांचवें चरण में 25 फीसदी दागी उम्मीदवार

एडीआर रिपोर्ट: पश्चिम बंगाल में पांचवें चरण में 25 फीसदी प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले 

by Sneha Shukla

एजेंसी, कोलकाता

द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अद्यतित Tue, 13 Apr 2021 02:24 AM IST

पश्चिम बंगाल चुनाव: टॉम चरण में 25 पर्बंसी उम्मीदवार
– फोटो: अमर उजाला

ख़बर सुनना

पश्चिम बंगाल में पांच चरण में कुल 318 उम्मीदवार 45 सीटों से चुनावी मैदान में हैं। इस चरण में 25 प्रति नेताओं ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है। द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने किसानों की ओर से आयोग को सौंपे गए हलफनामों की समीक्षा के बाद कहा कि एक उम्मीदवार का हलफनामा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं था।

कुल 79 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है, जिसमें 64 को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 62 फीसदी भाजपा और 43 फीसदी तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है।

13 नेताओं पर महिलाओं से जुड़े अपराध का मामला है। एक प्रत्याशी पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का लगता है कि राजनीतिक दलों पर कोई असर नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से आपराधिक मामले में साथ प्रत्याशी को चुनने का कारण प्रकाशित करने को कहा था।

विस्तार

पश्चिम बंगाल में पांच चरण में कुल 318 उम्मीदवार 45 सीटों से चुनावी मैदान में हैं। इस चरण में 25 प्रति नेताओं ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है। द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने किसानों की ओर से आयोग को सौंपे गए हलफनामों की समीक्षा के बाद कहा कि एक उम्मीदवार का हलफनामा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं था।

कुल 79 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है, जिसमें 64 को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 62 फीसदी भाजपा और 43 फीसदी तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की जानकारी दी है।

13 नेताओं पर महिलाओं से जुड़े अपराध का मामला है। एक प्रत्याशी पर दुष्कर्म का मामला दर्ज है। एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का लगता है कि राजनीतिक दलों पर कोई असर नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से आपराधिक मामले में साथ प्रत्याशी को चुनने का कारण प्रकाशित करने को कहा था।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment