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अलग-अलग मुद्दों पर अक्सर एक-दूसरे को टारगेट करने वाले चीन ने एक बार फिर से अमेरिका को चेताया है। चीन की सरकार ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वे अगले साल बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओल का बहिष्कार नहीं करे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने कहा था कि वे मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतों के प्रति संयुक्त रुख अपनाने के लिए सहयोगी देशों से बात कर रहे हैं, जिसके बाद चीन ने यह चेतावनी दी है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शिनज़ प्रांत को अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि ओल के संभावित बहिष्कार का चीन कड़ा जवाब देगा। प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, ‘खेलों के राजनीतिकरण से ओल चार्टर की भावना और सभी देशों के खिलाड़ियों के हितों को नुकसान होगा।’
उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी ओलम्पिक समिति सहित आंतरिक समुदाय इसे स्वीकार नहीं करेगा।’ विभिन्न मानवाधिकार समूह फरवरी 2022 में होने वाले इन खेलों के चीन में संगठित का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने बहिष्कार या अन्य कदम उठाने की अपील की है ताकि उइगर, तिब्बत और हांगकांग के लोगों के चीन पर उत्पीड़न के आरोपों की ओर ध्यान खींचा जा सके।
दरअसल, चीन में अल्पसंख्यकों के मानव अधिकार उल्लंघनों की स्वरूपों को देखते हुए बुधवार को 180 समूहों के एक गठबंधन ने अगले साल होने वाले पेइचिंग शीतकालीन ओलिंपिक खेलों का बहिष्कार करने की अपील की। शीतकालीन खेलों का उद्घाटन चार फरवरी 2022 को होगा और कोरोनाइरस महामारी के बावजूद इन खेलों को आयोजित करने की योजना है।
इस गठबंधन में तिब्बती, उईगर, मंगोलियाई और हॉन्गकॉन्ग से जुड़े समूह शामिल हैं। उन्होंने सरकारों को पत्र भेजकर ओल्रिक का बहिष्कार करने की अपील की है ताकि उनका उपयोग ‘चीनी सरकार के (मानव) अधिकारों के हनन और सिमुलेशनोश को दबाने के लिए नहीं किया जा सके।’
इन समूहों ने इससे पहले आंतरिक ओलिंपिक समिति (आईओसी) से चीन के बजाय किसी अन्य देश को खेलों की बुकिंग सौंपने का अनुरोध किया। आईओसी ने उनकी यह मांग यह कहकर ठुकरा दी थी कि वह केवल एक खेल संस्था है जो राजनीति में शामिल नहीं होती है।
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