पीटीआई, नई दिल्ली
द्वारा प्रकाशित: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 26 Apr 2021 01:56 AM IST
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एसकेएम ने एक बयान में कहा कि किसानों ने दिल्ली की सिंघू सीमा पर राजमार्ग के एक ओर का रास्ता को विभाजित -19 संकट के मद्देनजर ऑक्सीजन टैंकरों और एम्बुलेंस का निर्बध अवस्था सुनिश्चित करने के लिए खाली कर दिया है।
पुलिस उपायुक्त, बाहरी उत्तरी दिल्ली को लिखित पत्र में उन्होंने अनुरोध किया कि सिंघु बॉर्डर पर राजमार्ग के एक ओर से अवरोधक हटाए जाएं, ताकि दिल्ली तक आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति हो सके।
देश में कोरोना परिस्थितियों के बीच चल रही ऑक्सीजन संकट के मद्देनजर किसानों ने यह अपील की है और कुछ दिन पहले रोहतक में हुई बैठक में रास्ता खोलने की तयप भी हुई थी। दरअसल किसानों के आरोप थे कि उनके आंदोलन या हस्तक्षेपल की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा आ रही है। इसके किसान नेताओं की ओर से खंडन किया गया और कहा गया कि यह सभी किसानों और आंदोलन को बदनाम करने के लिए किया और कहा जा रहा है।]
किसान नेताओं ने कहा कि ऑक्सीजन के ट्रक उनके कारण नहीं रुकेंगे। बैठक में निर्णय लिया गया कि जीटी रोड को एक तरफ से इमरजेंसी सेवाओं के लिए खोला दिया जाएगा। इसके साथ ही सिंघु बॉर्डर से दिल्ली पुलिस भी बैरिकेड हटाएगी, जिससे इमरजेंसी वाहनों को निकलने में परेशानी हो सकती है।
कोरोना जांच से किसानों का इनकार, वैक्सीनेशन को तैयार
इस बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने फिर कहा कि सरकार कोरोना के नाम पर आंदोलन को खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है। इसलिए साफ कर दिया गया है कि किसान कोरोना जांच नहीं कराएंगे। अगर कोई बीमार होता है तो वह खुद अपनी मर्जी से किसी भी जगह पर जांच करा सकता है। इसके साथ ही वैक्सीन के लिए सरकार कैंप लगवाए और उसमें भी किसान अपनी मर्जी से वैक्सीन लगवाने जाते हैं तो उन्हें लगाई जाए। अगर जांच करने व वैक्सीन लगाने के लिए जबरदस्ती की गई तो उसका अंजाम भुगतना होगा।
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