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केयर रेटिंग्स ने 2021-22 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 10.2 प्रतिशत किया

केयर रेटिंग्स ने 2021-22 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम कर 10.2 प्रतिशत किया

by Sneha Shukla

साख निर्धारित करने वाली एजेंसी कैर रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को लगभग 10.2 प्रतिशत कर दिया है। पूर्व में वृद्धि दर 10.7 से 10.9 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। कोरोनावायरस मामले में तेजी से वृद्धि के साथ विभिन्न राज्यों में लगायी जा रही पाबंदियों से आर्थिक आंदोलनोंियों के होने के साथ वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है।

एक महीने में तीसरी बार अनुमान लगाया गया था

बता दें कि पिछले एक महीने में यह तीसरा मौका है जब रेटिंग एजेंसी ने अनुमान लगाया है। पिछले लगभग 30 दिनों में जो बदलाव हुआ है, उसके कारण अनुमान को संशोधित किया गया है। हमने इसे कम कर दिया अब 10.2 प्रतिशत कर दिया गया है।

लॉकडाउन के कारण आर्थिक विकलांगताएं प्रभावित

गौरतलब है कि इससे पहले, कैरेट रेटिंग्स में 24 मार्च, 2021 को जीडीपी वृद्धि दर 11 से 11.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। महाराष्ट्र में को विभाजित संक्रमण तेजी से फैलने के बाद राज्य सरकार ने अप्रैल के पहले सप्ताह से विदेशी कम कड़ाई के साथ ‘लॉकडाउन’ लगाये जाने की घोषणा की थी। राज्य में पाबंदियों के कारण आर्थिक आंदोलनों वाले अनंत होने से एजेंसी ने पांच अप्रैल को 2020-21 के लिए जीडीपी अनुमान को रोजकर 10.7 से 10.9 प्रतिशत कर दिया था। लेकिन बाद में 20 अप्रैल से ‘लॉकडाउन’ को कड़ा कर दिया गया, जिसमें व्यापार गतिविधियों पर आने वाले समय में अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है।

इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई अन्य राज्यों ने भी पाबंदियां लगायी है। इसमें सप्ताहांत ‘लॉकडाउन’, पूर्ण रूप से ‘लॉकडाउन’ और रात्रि कर्फ्यू शामिल हैं।

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