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दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया

कोरोना: कम संक्रमित या एसिम्टोमैटिक मरीज में सातवें या आठवें दिन मर रहा वायरस, डॉ. गुलेरिया ने समझाईं अहम बातें

by Sneha Shukla

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: सुरेंद्र जोशी
अपडेटेड सत, 01 मई 2021 12:44 पूर्वाह्न IST

सार

एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कोरोनावायरस से बढ़ते खौफ के बीच कई महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं।

दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया
– फोटो: एएनआई

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एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कोरोनावायरस को लेकर शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन पूरा करने के बाद संबंधित व्यक्ति को टेस्ट कराना जरूरी नहीं है। उन्होंने यह कहा कि कम सतर्क व्यक्ति या एसिम्टोमैटिक रोगी में सातवें याआठवें दिन वायरस मर जाता है। इस समय तक वह दूसरे व्यक्ति को तृतीय नहीं कर सकता है।

उन्होंने बताया कि 10 दिन बाद भी संबंधित मरीज आरटी-पीसीआर टेस्ट में उपयुक्त आ सकता है। डॉ। गुलेरिया ने बताया कि मरे हुए वायरस या उसके अवशेष आरटी-पीसीआर टेस्ट में पकड़ में आ सकते हैं और रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है, जबकि वह कोरोना मुक्त हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के 10 दिन बाद भी व्यक्ति पॉजिटिव क्यों आता है। डॉ। गुलेरिया के अनुसार यह वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है कि कम संक्रमण की दशा में संबंधित व्यक्ति के शरीर में कोरोनावायरस छठे या सातवें दिन मर जाता है।

नई गाइड लाइन में होम आइसोलेशन 10 दिन का
एम्स के निदेशक ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कोरोना की नई गाइड लाइन में कोविद -19 श्रेणी के व्यक्ति को होम एपोलेशन में 10 दिन ही रहने की जरूरत है। इस अवधि के बाद आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है, बशर्ते उसे बीते तीन दिनों में फू न आए हो।

नई गाइड लाइन में केंद्र सरकार ने कहा है कि 10 दिन का होम एपोलेशन पूरा करने के बाद कोविट टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। बता दें, देश में जारी दूसरा कोरोना लहर घातक हो गया है। बीते चार-पांच दिनों से लगातार तीन लाख से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। मौतें भी बढ़ती जा रही हैं।

विस्तार

एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया ने कोरोनावायरस को लेकर शुक्रवार को कई महत्वपूर्ण बातें बताईं। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन पूरा करने के बाद संबंधित व्यक्ति को टेस्ट कराना जरूरी नहीं है। उन्होंने यह कहा कि कम सतर्क व्यक्ति या एसिम्टोमैटिक रोगी में सातवें याआठवें दिन वायरस मर जाता है। इस समय तक वह दूसरे व्यक्ति को तृतीय नहीं कर सकता है।

उन्होंने बताया कि 10 दिन बाद भी संबंधित रोगी आरटी-पीसीआर टेस्ट में निष्क्रिय आ सकता है। डॉ। गुलेरिया ने बताया कि मरे हुए वायरस या उसके अवशेष आरटी-पीसीआर टेस्ट में पकड़ में आ सकते हैं और रोगी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ सकती है, जबकि वह कोरोना मुक्त हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन के 10 दिन बाद भी व्यक्ति पॉजिटिव क्यों आता है। डॉ। गुलेरिया के अनुसार यह वैज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है कि कम संक्रमण की दशा में संबंधित व्यक्ति के शरीर में कोरोनावायरस छठे या सातवें दिन मर जाता है।

नई गाइड लाइन में होम आइसोलेशन 10 दिन का

एम्स के निदेशक ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कोरोना की नई गाइड लाइन में कोविद -19 श्रेणी के व्यक्ति को होम एपोलेशन में 10 दिन ही रहने की जरूरत है। इस अवधि के बाद आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है, बशर्ते उसे बीते तीन दिनों में फू न आए हो।

नई गाइड लाइन में केंद्र सरकार ने कहा है कि 10 दिन का होम एपोलेशन पूरा करने के बाद कोविट टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। बता दें, देश में जारी दूसरा कोरोना लहर घातक हो गया है। बीते चार-पांच दिनों से लगातार तीन लाख से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। मौतें भी बढ़ती जा रही हैं।

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