Home » कोरोना काल में काली कमाई : दिल्ली में एंबुलेंस चालक ने दो किमी. के वसूले 8500 रुपये, पहुंचा जेल
गिरफ्त में आरोपी...

कोरोना काल में काली कमाई : दिल्ली में एंबुलेंस चालक ने दो किमी. के वसूले 8500 रुपये, पहुंचा जेल

by Sneha Shukla

सार

को विभाजित जैसे महामारी के समय कुछ मुनाफाखोर लोग काला बाजारी और मनमानी पर उतर आए हैं।

ख़बर सुनना

को विभाजित जैसे महामारी के समय कुछ मुनाफाखोर लोग काला बाजारी और मनमानी पर उतर आए हैं। ऐसे समय में अब एकारेंस चालक भी मनमाने रुपये वसूल रहे हैं। सरिता विहार थाना पुलिस ने को विभाजित मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के एवज में 10 गुना अधिक रुपये वसूलने के मामले में एकारेंस चालक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान शिव मंदिर कालोनी, गाजियाबाद, निवासी प्रमोद कुमार (30) के रूप में हुई है।

पुलिस ने आरोपी की एकरेंस भी दूर कर ली है। आरोपी ने अपोलो अस्पताल से होली फैमिली अस्पताल (महज दो किलोमीटर) में विभाजित मरीज शिफ्ट कराने के 8500 रुपये वसूले थे। पुलिस ने इसके खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। बाद में इसे जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि शुक्रवार को इरशाद नामक एक शख्स सरिता विहार थाने पहुंचा और उसने अपनी शिकायत दी। उन्होंने बताया कि वह अपने परिजन को अपोलो अस्पताल से होली फैमिली अस्पताल ले गया था। इसके बदले में एकारेंस चालक ने उसे महज दो किलोमीटर के 8500 रुपये की मांग की। पीड़ित ने आरोपी का मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया।
पुलिस ने फौरन मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस उपायुक्त ने खुद आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात की। जांच के लिए फौरन एसआई सतीश भाटी, एएसआई लायक अली व अन्यों की टीम को लगाया गया। शिकायतकर्ता से पूछताछ के बाद पुलिस की टीम ने ठीक उसी तरह एक नकली कस्टमर बनकर आरोपी एयारेंस चालक को कॉल किया। मरीज को अपोलो से होली फैमिली ले जाने की बात की गई।

आरोपी तैयार हो गया। उन्होंने बताया कि पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी मरीज को शिफ्ट करने के 9500 रुपये लगेंगे। बातचीत के बाद आरोपी 8500 में तैयार हो गए। उपलब्ध के अनुसार नकली ग्राहक को आरोपी के पास गया गया है। बाद में उसे रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

आरोपी ने बताया कि उसके पास 12 वीं कक्षा है। पिछले काफी समय से एर्केन पेपर है। उन्होंने बताया कि वह कोविद महामारी का फायदा उठाकर लोगों से ज्यादा पैसे वसूल कर रहा था। पुलिस ने दूसरे एकारेंस ड्राइवरों को भी हिदायत दी है कि वह कोविड का फायदा उठाकर ज्यादा रकम वसूलने की कोशिश न करें, वर्ना उन्हें भी जेल की हवा खिला दी जाएगी।

शाहदरा जिले के एएटीएस (एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड) ने नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन बेचने वाले गैंग के दो सदस्यों को आनंद विहार इलाके से गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान रोहिणी निवा अंशुमन (31) और तिलक नगर निवासी कार्तिक (24) के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपियों के पास से 17 रेमडेसिवर इंजेक्शन और एक होंडा सिटी कार बरामद की है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त के साथ सुंदरम ने बताया कि शुक्रवार रात जिले के एएटीएस की टीम को सूचना मिली कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वाला आरोपी अंशुमन कार से क्रॉस रेवर मॉल के पास आने वाला है। पुलिस ने फौरन मौके पर जाल बिछा दिया। इस बीच मुखबीर के इशारे पर रात करीब 8.15 बजे पुलिस ने होंडा सिटी कार सवार दो युवकों को रुकने का इशारा किया।

पुलिस को देखते ही दोनों पक्षों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इनको ओवर कर लिया। पुलिस ने एक पॉलिथीन में कार्तिक के पास से सात और अंशुमन के पास से 10 इंजेक्शन बरामद किए। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि यह कोविप्री के नाम से रेमडेसिवर के नकली इंजेक्शन बेच रहे थे। आरोपियों के खिलाफ आनंद विहार थाने में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने बताया कि दोनों बेरोजगार हैं। इन लोगों ने लक्ष्मी नगर निवासी अनिल के जरिये नोएडा में रहने वाले आकर्षण से इंजेक्शन खरीदे थे। आरोपी बेहद कम कीमत में इंजेक्शन खरीदकर उसे 35 हजार रुपये में बेच रहे थे।

इन लोगों ने दिल्ली के पश्चिम विहार, पश्चिम दिल्ली और रोहिणी के कई इलाकों में दर्जनों लोगों को इंजेक्शन रहित भी दिए हैं। पुलिस दोनों से पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इन लोगों ने किन-किन को इंजेक्शन बेचे। आरोपी कार्तिक ओपन सेन्ही है जबकि अंशुमन 12 वीं कक्षा पास है।

विस्तार

को विभाजित जैसे महामारी के समय कुछ मुनाफाखोर लोग काला बाजारी और मनमानी पर उतर आए हैं। ऐसे समय में अब एकारेंस चालक भी मनमाने रुपये वसूल रहे हैं। सरिता विहार थाना पुलिस ने को विभाजित मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के एवज में 10 गुना अधिक रुपये वसूलने के मामले में एकारेंस चालक को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान शिव मंदिर कालोनी, गाजियाबाद, निवासी प्रमोद कुमार (30) के रूप में हुई है।

पुलिस ने आरोपी की एकरेंस भी दूर कर ली है। आरोपी ने अपोलो अस्पताल से होली फैमिली अस्पताल (महज दो किलोमीटर) में विभाजित मरीज शिफ्ट कराने के 8500 रुपये वसूले थे। पुलिस ने इसके खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। बाद में इसे जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि शुक्रवार को इरशाद नामक एक शख्स सरिता विहार थाने पहुंचा और उसने अपनी शिकायत दी। उन्होंने बताया कि वह अपने परिजन को अपोलो अस्पताल से होली फैमिली अस्पताल ले गया था। इसके बदले में एकारेंस चालक ने उसे महज दो किलोमीटर के 8500 रुपये की मांग की। पीड़ित ने आरोपी का मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया।

पुलिस ने फौरन मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस उपायुक्त ने खुद आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात की। जांच के लिए फौरन एसआई सतीश भाटी, एएसआई लायक अली व अन्यों की टीम को लगाया गया। शिकायतकर्ता से पूछताछ के बाद पुलिस की टीम ने ठीक उसी तरह एक नकली कस्टमर बनकर आरोपी एयारेंस चालक को कॉल किया। मरीज को अपोलो से होली फैमिली ले जाने की बात की गई।

आरोपी तैयार हो गया। उन्होंने बताया कि पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी मरीज को शिफ्ट करने के 9500 रुपये लगेंगे। बातचीत के बाद आरोपी 8500 में तैयार हो गए। उपलब्ध के अनुसार नकली ग्राहक को आरोपी के पास गया गया है। बाद में उसे रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

आरोपी ने बताया कि उसके पास 12 वीं कक्षा है। पिछले काफी समय से एर्केन पेपर है। उन्होंने बताया कि वह कोविद महामारी का फायदा उठाकर लोगों से ज्यादा पैसे वसूल कर रहा था। पुलिस ने दूसरे एकारेंस ड्राइवरों को भी हिदायत दी है कि वह कोविड का फायदा उठाकर ज्यादा रकम वसूलने की कोशिश न करें, वर्ना उन्हें भी जेल की हवा खिला दी जाएगी।


आगे पढ़ें

35 हजार में बेच रहे थे फेर रेमडेसिवर इंजेक्शन, दो गिरफ्तार …

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment