सार
को विभाजित जैसे महामारी के समय कुछ मुनाफाखोर लोग काला बाजारी और मनमानी पर उतर आए हैं।
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पुलिस ने आरोपी की एकरेंस भी दूर कर ली है। आरोपी ने अपोलो अस्पताल से होली फैमिली अस्पताल (महज दो किलोमीटर) में विभाजित मरीज शिफ्ट कराने के 8500 रुपये वसूले थे। पुलिस ने इसके खिलाफ जबरन वसूली और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया। बाद में इसे जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि शुक्रवार को इरशाद नामक एक शख्स सरिता विहार थाने पहुंचा और उसने अपनी शिकायत दी। उन्होंने बताया कि वह अपने परिजन को अपोलो अस्पताल से होली फैमिली अस्पताल ले गया था। इसके बदले में एकारेंस चालक ने उसे महज दो किलोमीटर के 8500 रुपये की मांग की। पीड़ित ने आरोपी का मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराया।
पुलिस ने फौरन मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस उपायुक्त ने खुद आरोपी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात की। जांच के लिए फौरन एसआई सतीश भाटी, एएसआई लायक अली व अन्यों की टीम को लगाया गया। शिकायतकर्ता से पूछताछ के बाद पुलिस की टीम ने ठीक उसी तरह एक नकली कस्टमर बनकर आरोपी एयारेंस चालक को कॉल किया। मरीज को अपोलो से होली फैमिली ले जाने की बात की गई।
आरोपी तैयार हो गया। उन्होंने बताया कि पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी मरीज को शिफ्ट करने के 9500 रुपये लगेंगे। बातचीत के बाद आरोपी 8500 में तैयार हो गए। उपलब्ध के अनुसार नकली ग्राहक को आरोपी के पास गया गया है। बाद में उसे रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
आरोपी ने बताया कि उसके पास 12 वीं कक्षा है। पिछले काफी समय से एर्केन पेपर है। उन्होंने बताया कि वह कोविद महामारी का फायदा उठाकर लोगों से ज्यादा पैसे वसूल कर रहा था। पुलिस ने दूसरे एकारेंस ड्राइवरों को भी हिदायत दी है कि वह कोविड का फायदा उठाकर ज्यादा रकम वसूलने की कोशिश न करें, वर्ना उन्हें भी जेल की हवा खिला दी जाएगी।
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