देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच मोननसुन को लेकर राहत भरी खबर है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक 1 जून तक केरल में मॉनसून पहुंच सकता है। आमतौर पर इसी तारीख तक भारत के दक्षिणी हिस्से में मॉनसून देता रहा है। भूविज्ञान मंत्रालय के सचिव एम। राजीवन ने कहा, ‘अनुमान के मुताबिक केरल में 1 जून को सामान्य समय पर ही होगा। वर्तमान में यह संकेत हैं। भारतीय मौसम विभाग की ओर से मॉनसून के बारे में आधिकारिक जानकारी 15 को दी जाएगी और 31 मई को बारिश के बारे में अनुमान जाहिर करेंगे। ‘ राजीवन ने कहा, ‘विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि 1 जून तक मॉनसून केरल पहुंच जाएगा। जैसा कि हमने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा। ‘
इससे पहले 16 अप्रैल को जाहिर किए गए अनुमान के तहत मौसम विभाग ने बताया था कि इस साल 98 प्रतिशत बारिश हो सकती है। विभाग का कहना था कि बारिश के अनुमान में 5 प्रतिशत कम या ज्यादा का अंतर हो सकता है। बीते दो साल से भारत में मानसून औसत से ज्यादा रह रहा है। अब इस साल एक बार फिर से मानसून के सामान्य रहने से कृषि सेक्टर को बड़ी मदद मिल सकती है। खासतौर पर कोरोना काल में भारत की अर्थव्यवस्था के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। मानसून सामान्य रहना भारत की खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण संकेत है।
मानसून 2021 अपडेट: @ इंडियामेटडे विस्तारित रेंज पूर्वानुमान बताता है कि मानसून 1 जून के आसपास केरल में समय पर पहुंच जाएगा। यह एक शुरुआती संकेत है। @ इंडियामेटडे 15 मई को आधिकारिक मॉनसून पूर्वानुमान और 31 मई के आसपास वर्षा का पूर्वानुमान@ मुसगोइ @ श्रद्धावर्धन pic.twitter.com/peYXRMKnh5
– माधवन राजीवन (@ rajeevan61) 6 मई, 2021
भारत में 60 प्रतिशत कृषि भूमि परित क्षेत्र नहीं है और देश की आधी आबादी को आजीविका के लिए खेती पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में भारत में खेती के लिए मॉनसून पर निर्भरता अधिक रहती है। यही नहीं भारत के 89 महत्वपूर्ण जलाशयों में जलाशयों के लिए भी मसानसून का सामान्य रहना आवश्यक है। कोरोना काल में मॉनसून का सामान्य रहना महत्वपूर्ण है। देश में कोरोना की दूसरी लहर के चलते आर्थिक आंदोलनों वाले एक बार फिर से प्रभावित हो रहे हैं। कई राज्यों में लॉकडाउन लागू हैं और ऐसी स्थिति में अर्थव्यवस्था पर भी पहुंच पहुंच रही है। इसलिए मॉनसून के सामान्य रहने की भविष्यवाणी एक अच्छा संकेत है।
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