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लालू प्रसाद यादव

कोरोना का असर: एक बार फिर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिहाई टली

by Sneha Shukla

एजेंसी, रांची।

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
अपडेटेड मैट, 28 अप्रैल 2021 05:46 AM IST

सार

कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से झारखंड बार काउंसिल के निर्देश पर वकील अब दो मई तक कोर्ट के किसी भी कार्य में भाग नहीं लेंगे।

ख़बर सुनना

चारा होस्टिंग के लंबित अंतिम मामले में जमानत मिलने के एक सप्ताह के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिहाई तीन मई तक टल गई है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से झारखंड बार काउंसिल के निर्देश पर वकील अब दो मई तक कोर्ट के किसी भी कार्य में भाग नहीं लेंगे। ऐसे में वकीलों के तीन मई को अदालती कार्य शुरू करने के बाद ही लालू की जमानत का रास्ता साफ हो सकेगा।

इससे पहले 17 अप्रैल को करोड़ों रुपये के पतंगों के दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद को ही झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। लालू के वकील ने उस समय कहा था कि वह 19 अप्रैल को विशेष सीबीआई कोर्ट खुलने के बाद उनकी रिहाई के लिए हाईकोर्ट का आदेश देंगे।

हालांकि उनकी रिहाई की प्रक्रिया झारखंड बार काउंसिल की बैठक में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से वकीलों को 25 अप्रैल तक न्यायिक कार्य से दूर रहने का कारण की टाल गई। काउंसिल ने 25 अप्रैल को एक बार फिर बैठक के बाद प्रतिबंध दो मई तक बढ़ा दिया है।

नीतीश सरकार धृतराष्ट्र की तरह चुपचाप बैठी है: तेजस्वी
वहीं बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना से राज्य में पैदा हुए हालात पर कहा कि ‘बिहार के अस्पतालों में बिस्तर नहीं हैं। इंजेक्शन नहीं हैं। ऑक्सीजन नहीं है। कैसे मदद करते हैं। बिहार के 39 जिलों में से 10 जिलों में पाँच से अधिक वेंटिलेटर तक नहीं हैं। बहुत शर्मनाक बात यह है कि बिहार के जिला मुख्यालयों में वेंटिलेटर ऑपरेटर तक नहीं हैं। इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया। एक इंसान होने के नाते चाहकर भी गुहार लगा रहे थे, मदद मांग रहे थे, तड़प रहे सभी जरूरतमंदो की मदद नहीं कर रहे थे। अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है कि कुछ नहीं कर सकता। भ्रष्ट सरकार धृतराष्ट्र की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ‘

उन्होंने कहा कि सरकार बस विज्ञापन देने और आंकड़ों को कम कर धूल झोंकने के फिराक में है।

विस्तार

चारा होस्टिंग के लंबित अंतिम मामले में जमानत मिलने के एक सप्ताह के बाद भी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की रिहाई तीन मई तक टल गई है।

कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से झारखंड बार काउंसिल के निर्देश पर वकील अब दो मई तक कोर्ट के किसी भी कार्य में भाग नहीं लेंगे। ऐसे में वकीलों के तीन मई को अदालती कार्य शुरू करने के बाद ही लालू की जमानत का रास्ता साफ हो सकेगा।

इससे पहले 17 अप्रैल को करोड़ों रुपये के पतंगों के दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद को ही झारखंड हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी। लालू के वकील ने उस समय कहा था कि वह 19 अप्रैल को विशेष सीबीआई कोर्ट खुलने के बाद उनकी रिहाई के लिए हाईकोर्ट का आदेश देंगे।

हालांकि उनकी रिहाई की प्रक्रिया झारखंड बार काउंसिल की बैठक में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से वकीलों को 25 अप्रैल तक न्यायिक कार्य से दूर रहने का कारण की टाल गई। काउंसिल ने 25 अप्रैल को एक बार फिर बैठक के बाद प्रतिबंध लगाने के बाद मई तक बढ़ा दिया है।

नीतीश सरकार धृतराष्ट्र की तरह चुपचाप बैठी है: तेजस्वी

वहीं बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना से राज्य में पैदा हुए हालात पर कहा कि ‘बिहार के अस्पतालों में बिस्तर नहीं हैं। इंजेक्शन नहीं हैं। ऑक्सीजन नहीं है। कैसे मदद करें। बिहार के 39 जिलों में से 10 जिलों में पाँच से अधिक वेंटीलेटर तक नहीं हैं। बहुत शर्मनाक बात यह है कि बिहार के जिला मुख्यालयों में वेंटिलेटर ऑपरेटर तक नहीं हैं। इतना असहाय, असमर्थ कभी अनुभव नहीं किया। एक इंसान होने के नाते चाहकर भी गुहार लगा रहे थे, मदद मांग रहे थे, तड़प रहे सभी जरूरतमंदो की मदद नहीं कर रहे थे। अस्पतालों में फोन लगवाओ तो जवाब आता है कि कुछ नहीं कर सकता। भ्रष्ट सरकार धृतराष्ट्र की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ‘

उन्होंने कहा कि सरकार बस विज्ञापन देने और आंकड़ों को कम कर धूल झोंकने के फिराक में है।

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