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कोरोना का असर: पाबंदियों से अप्रैल में 75 लाख नौकरियां गईं

by Sneha Shukla

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: जीत कुमार
नवीनीकृत मंगल, 04 मई 2021 06:11 पूर्वाह्न IST

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कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लगाए गए ‘लॉकडाउन’ और अन्य पाबंदियों से 75 लाख से अधिक लोगों को गोलियों से हाथ धोना पड़ा है। इससे बेरोजगारी दर चार महीने के उच्च स्तर 8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सेंटर फॉर कंट्रोलिंग इंडियन एकोनॉमी (सीएमआईई) ने सोमवार को कहा।

सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) महेश व्यास ने कहा कि आने वाले समय में भी रोजगार के मोर्चे पर स्थिति चुनौती बने रहने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि मार्च की तुलना में अप्रैल महीने में हमने 75 लाख और गंवाई है। इसके कारण बेरोजगारी दर बढ़ गई है। केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.97 प्रतिशत पहुंच गई है। शहरी क्षेत्रों में 9.78 प्रतिशत जबकि ग्रामीण स्तर पर बेरोजगारी दर 7.13 प्रतिशत है।

इससे पहले, मार्च में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.50 प्रतिशत थी और ग्रामीण और शहरी दोनों स्थानों पर यह दर अपेक्षाकृत कम थी। को विभाजित -19 महामारी बढ़ने के साथ कई राज्यों ने ‘लॉकडाउन’ सहित अन्य पाबंदियां लगाई हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा और फलस्वरूप नुकसान हुआ।

व्यास ने कहा कि मुझे पता नहीं है कि विभाजित-महामारी कब चरम पर पहुंचेगी, लेकिन रोजगार के मार्चे पर दबाव जरूर देखा जा सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में उतनी बुरी स्थिति नहीं है क्योंकि पहले ‘लॉकडाउन’ में देखा गया था। उस समय बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।

विस्तार

कोविद -19 महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लगाए गए ‘लॉकडाउन’ और अन्य पाबंदियों से 75 लाख से अधिक लोगों को गोलियों से हाथ धोना पड़ा है। इससे बेरोजगारी दर चार महीने के उच्च स्तर 8 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सेंटर फॉर कंट्रोलिंग इंडियन एकोनॉमी (सीएमआईई) ने सोमवार को कहा।

सीएमआईई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) महेश व्यास ने कहा कि आने वाले समय में भी रोजगार के मोर्चे पर स्थिति चुनौती बने रहने की आशंका है।

उन्होंने कहा कि मार्च की तुलना में अप्रैल महीने में हमने 75 लाख और गंवाई है। इसके कारण बेरोजगारी दर बढ़ गई है। केंद्र सरकार के आंकड़े के अनुसार राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 7.97 प्रतिशत पहुंच गई है। शहरी क्षेत्रों में 9.78 प्रतिशत जबकि ग्रामीण स्तर पर बेरोजगारी दर 7.13 प्रतिशत है।

इससे पहले, मार्च में राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.50 प्रतिशत थी और ग्रामीण और शहरी दोनों स्थानों पर यह दर अपेक्षाकृत कम थी। कोविड -19 महामारी बढ़ने के साथ कई राज्यों में ‘लॉकडाउन’ सहित अन्य पाबंदियां लगाई जाती हैं। इससे आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा और फलस्वरूप नुकसान हुआ है।

व्यास ने कहा कि मुझे पता नहीं है कि कोविड-महामारी कब चरम पर पहुंचेगी, लेकिन रोजगार के मार्चे पर दबाव जरूर देखा जा सकता है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि वर्तमान में उतनी बुरी स्थिति नहीं है क्योंकि पहले ‘लॉकडाउन’ में देखा गया था। उस समय बेरोजगारी दर 24 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।

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