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कोरोना का कहर : कैबिनेट सचिव बोले- दिल्ली की हालत गंभीर, ठोस कदम उठाएं

by Sneha Shukla

अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली

द्वारा प्रकाशित: दुष्यंत शर्मा
Updated Mon, 03 मई 2021 05:15 AM IST

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देश की राजधानी में कोरोना और गैर कोरोना रोगियों की दुर्दशा को लेकर केंद्र सरकार ने नाराजगी व्यक्त की है। रविवार को गणना सचिव राजीव गौबा ने दिल्ली के मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूंजी में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात ठीक नहीं है। लोग ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बिस्तरों तक के लिए परेशान हैं। जबकि समय के अनुसार सरकार को अपनी तैयारियों में बदलाव करना चाहिए। सचिव ने निर्देश दिए कि दिल्ली सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाने चाहिए। लोगों के लिए सही हेल्पलाइन भी जारी की जाए जहां उन्हें पूरी जानकारी मिल सके।

दरअसल दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से बहुत अधिक समय से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। सरकार ने बेड ट्रैकर शुरू किया लेकिन वह भी फेल साबित हुआ। इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए लेकिन वह भी काम नहीं कर रहे हैं। जिन अधिकारियों के नंबर व्यक्तिगत किए गए वह भी फोन नहीं ले रहे हैं। ऐसे में रोगियों को ऑक्सीजन, बिस्तर, रेमडेसिवर, ऑक्सीमीटर और दवाओं तक के लिए भटकना पड़ रहा है। इन्हीं खतरों के बारे में काउंटर सचिव ने बैठक में जोर देते हुए कहा कि जल्द से जल्द सरकार को एक्शन में आने की जरूरत है।

बैठक के दौरान निर्देश दिए गए कि आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या तत्काल बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा बिस्तरों की सही जानकारी देने के लिए मोबाइल उपकरण पर भी काम जरूरी है। जरूरतमंद लोगों तक सभी सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकार की है। ऐसे में जल्द ही जल्द ही जांच और उपचार पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

शब्दों में बयां नहीं कर सकते दिल्ली के हालात
बैठक में भंडारण सचिव ने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में काफी गंभीर हालात हो गए हैं। लोग फोन पर मदद मांग रहे हैं लेकिन बिस्तर और ऑक्सीजन न होने के कारण मदद नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए यहां तक ​​कहा कि कई लोगों को समय पर ऑक्सीजन न मिलने या उपचार न मिलने से काफी नुकसान तक उठाना पड़ा है। ऐसे में दिल्ली सरकार को तुरंत इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

सहायता और डीएमए की ले सकते हैं
डॉक्टरों की कमी को लेकर बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि सरकार सरकारी चिकित्सा पेशेवरों की सेवाओं का लाभ ले सकती है। वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल ने दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन से अपील की है कि 50 डॉक्टरों की टीम बनाई जाए जो लोगों को डाटा परामर्श दे सके। लोगों को यह बताया गया कि उन्हें कौन सी दवा लेनी है और ऑक्सीजन का कितना इस्तेमाल करना है?

विस्तार

देश की राजधानी में कोरोना और गैर कोरोना रोगियों की दुर्दशा को लेकर केंद्र सरकार ने नाराजगी व्यक्त की है। रविवार को गणना सचिव राजीव गौबा ने दिल्ली के मुख्य सचिव सहित सभी अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूंजी में स्वास्थ्य सेवाओं के हालात ठीक नहीं है। लोग ऑक्सीजन से लेकर अस्पतालों में बिस्तरों तक के लिए परेशान हैं। जबकि समय के अनुसार सरकार को अपनी तैयारियों में बदलाव करना चाहिए। सचिव ने निर्देश दिए कि दिल्ली सरकार को तत्काल ठोस कदम उठाने चाहिए। लोगों के लिए सही हेल्पलाइन भी जारी की जाए जहां उन्हें पूरी जानकारी मिल सके।

दरअसल दिल्ली में पिछले दो सप्ताह से बहुत अधिक समय से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। सरकार ने बेड ट्रैकर शुरू किया लेकिन वह भी फेल साबित हुआ। इसके साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए लेकिन वह भी काम नहीं कर रहे हैं। जिन अधिकारियों के नंबर व्यक्तिगत किए गए वह भी फोन नहीं ले रहे हैं। ऐसे में रोगियों को ऑक्सीजन, बिस्तर, रेमडेसिवर, ऑक्सीमीटर और दवाओं तक के लिए भटकना पड़ रहा है। इन्हीं खतरों के बारे में काउंटर सचिव ने बैठक में जोर देते हुए कहा कि जल्द से जल्द सरकार को एक्शन में आने की जरूरत है।

बैठक के दौरान निर्देश दिए गए कि आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या तत्काल बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा बिस्तरों की सही जानकारी देने के लिए मोबाइल उपकरण पर भी काम जरूरी है। जरूरतमंद लोगों तक सभी सुविधाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकार की है। ऐसे में जल्द ही जल्द ही जांच और उपचार पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

शब्दों में बयां नहीं कर सकते दिल्ली के हालात

बैठक में भंडारण सचिव ने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में काफी गंभीर हालात हो गए हैं। लोग फोन पर मदद मांग रहे हैं लेकिन बिस्तर और ऑक्सीजन न होने के कारण मदद नहीं मिल पा रही है। इस स्थिति को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए यहां तक ​​कहा कि कई लोगों को समय पर ऑक्सीजन न मिलने या उपचार न मिलने से काफी नुकसान तक उठाना पड़ा है। ऐसे में दिल्ली सरकार को तुरंत इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

सहायता और डीएमए की ले सकते हैं

डॉक्टरों की कमी को लेकर बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि सरकार सरकारी चिकित्सा पेशेवरों की सेवाओं का लाभ ले सकती है। वहीं नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल ने दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन से अपील की है कि 50 डॉक्टरों की टीम बनाई जाए जो लोगों को डेटा परामर्श दे सकें। लोगों को यह बताया गया कि उन्हें कौन सी दवा लेनी है और ऑक्सीजन का कितना इस्तेमाल करना है?

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