राहुल गांधी के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी देश में लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों और स्वास्थ्य व्यवस्था की लचर हालत को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादन में भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है तो फिर यहां इसकी कमी क्यों है? उन्होंने सरकार पर हमला साधते हुए कहा कि सरकार के पास समय था लेकिन इसके बावजूद कुछ नहीं किया गया और सरकार चुनाव में व्यस्त है। कोरोना की स्थिति पर प्रियंका गांधी ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह सरकार दुबई में आईएसआई से बात कर सकती है लेकिन विपक्ष से बात नहीं कर सकती है। उनके सुझावों पर चर्चा नहीं कर सकता।
प्रियंका गांधी ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘आपके पास कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बीच 8 से 9 महीने का समय था। अपने आप के सीरो डेवलपर यह संकेत दे रहे थे कि दूसरी लहर आएगी लेकिन आपने इसपर ध्यान नहीं दिया। ‘
उन्होंने आगे कहा, ‘आज भारत में सिर्फ 2 हजार ट्रक ही ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट कर सकते हैं। यह कैसे विदंबना है कि ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन वहां पहुंच नहीं पा रही है जहां उसे पहुंचना चाहिए। पिछले 6 महीने में 11 लाख रेमेडेसिवर इंजेक्शन का एक्सप किया गया और आज हम उसल्लत से जूझ रहे हैं। ‘
टीकाकरण भारतीयों को प्राथमिकता नहीं दी गई
प्रियंका गांधी ने भारत की ओर से कोरोनाके एक्सप किए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जनवरी से मार्च के बीच सरकार ने 6 करोड़ कोरोना वैक्सीन निर्यात की। इस दौरान सिर्फ 3 से 4 करोड़ भारतीयों को ही जैक दिया गया था। भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई? वैक्सीन की कमी खराब योजनाओं के कारण हुई। रेमेडेसिवर की किल्लत इसलिए हुई क्योंकि कोई योजना नहीं थी, ऑक्सीजन की कमी इसलिए हुई क्योंकि कोई रणनीति नहीं थी। यह सरकार की विफलता है।
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