कोरोनाइरस का कहर से भारत बेहाल है। इस बार कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक युवा ही शिकार हो रहे हैं और इस बात की पुष्टि अब आईसीएमआर यानी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने भी कर दी है। आईसीएमए के प्रमुख डॉ। बलराम भार्गव ने मंगलवार को कहा कि को विभाजित -19 महामारी की दूसरी लहर में युवा थोड़ा ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि वे शायद बाहर जाने लगे हैं और देश में मौजूद सार्स-सीओवी -2 के कुछ स्वरूपों के कारण से भी ऐसा है।
यह पूछे जाने पर कि युवा आवादी ज्यादा प्रभावित हो रही है, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ। बलराम भार्गव ने कहा कि कोविड -19 की पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों की तुलना यह दिखाती है कि उम्र का ज्यादा असर है। उन्होंने कहा कि 40 साल से ज्यादा उम्र के लोग प्रतिकूल प्रभाव के लिहाज से ज्यादा संवेदनशील हैं।
डॉ। बलराम भार्गव ने कहा कि हमने पाया है कि युवा लोग थोड़े ज्यादा खुश हो रहे हैं क्योंकि वे बाहर गए और देश में कोरोनावायरस के कुछ पहले से मौजूद स्वरूप भी हैं, जो उन्हें प्रभावित कर रहे हैं। भारत कोरोनावायरस संक्रमण की विकराल दूसरी लहर का सामना कर रहा है। हर दिन लगभग औसतन चार लाख मामले सामने आ रहे हैं।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविद -19 के दैनिक मामलों और मौत के आंकड़ों में विजेताओं की कमी देखी जा रही है, हालांकि कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और पंजाब उन 16 राज्यों में शामिल हैं जहां दैनिक मामलों में लगातार उठ अब भी नजर आ रही है।
सरकार के मुताबिक महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और तेलंगाना उन 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं, जहां को विभाजित -19 परिवर्तन के दैनिक मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
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