कोरोना काल में लाखों परिवारों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ चली गई तो वहीं व्यापार भी खासा प्रभावित हुआ है। आर्थिक हालात बिगड़ने पर ज्यादातर लोग अपनी एफडी को खत्म करने का विकल्प चुनते हैं लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। मुश्किल वक्त में बचत ही काम आती है।
एफडी को खत्म किए बिना भी पैसों का इंतजाम किया जा सकता है। आप एफडी पर लोन ले सकते हैं। बैंक एफडी में जमा राशि का 90% से 95% तक लोन के रूप में देते हैं। इसके अलावा एफडी पर ओवरड्राफ्ट सीमा का भी फायदा भी मिलता है। बैंक आपको जमा राशि के 90% तक के बराबर की ओवरड्राफ्ट सीमा का फायदा दे सकते हैं।
सुरक्षित ऋण
एफडी पर लिया गया लोन एक तरह का सुरक्षित ऋण होता है। ग्राहक को बैंक के सामने यह घोषणा करनी होती है कि लोन के रिटर्न के लिए उसकी एफडी की रकम कोलेट मार्केट यानी रेहान के तौर पर बैंक के पास रहेगी।
कौन ले सकता है एफडी पर लोन?
- सैलरी, व्यापार या किसी अन्य तरह का बचत खाता जिनके पास है।
- एफडी चाहते हैं एक व्यक्ति की हो या जॉइंट, कोई भी एफडी उपलब्ध कराने वाला व्यक्ति यह लोन ले सकता है।
- क्रेडिट स्कोर जिनकी अच्छी है उन्हें लोन मिल सकता है लेकिन ये अनिवार्य शर्त नहीं है।
कौन नहीं कर सकता ये लोन?
- किसी नाबालिग व्यक्ति के नाम पर लोन नहीं उठाया जा सकता है।
- 5 साल की अवधि वाले टैक्स सेविंग फिटेड डिपॉजिट में राशि जमा करने वाले जमाकर्ताओं को भी यह लोन नहीं ले सकता।
रुचि क्या है?
- ब्याज उतनी ही रकम पर देना होता है जितनी रकम उधार के तौर पर ली होती है।
- यह ब्याज एफडी पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा होता है।
- एफडी पर लोन लेने के लिए आपको कोई प्रसंस्करण शुल्क नहीं देना होता है।
- एफडी पर उठाए गए लोन पर आमतौर पर एफडी की दर से 2% अधिक ब्याज लगता है।
- एसबीआई एफडी पर मिलने वाले ब्याज से 1% अधिक ब्याज लेता है।
यह भी पढ़ें: इंश्योरेंस खरीदते समय सावधान रहें, धुंध से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
।
Homepage | Click Hear |