खतरनाक कोरोनाइरस महामारी की वजह से लगातार दूसरे साल खेल जगत प्रभावित हुआ है। पिछले साल इसकी वजह से कई बड़े एजेंटों को नाराज या रद्द करना पड़ा था और यह सिलसिला इस साल भी जारी है। आईपीएल 2021 को होने के बाद बीसीसीआई के सामने यह सबसे बड़ी दुविधा है कि वह टूर्नामेंट के बचे हुए 31 मैचों का आयोजन कहां और कब करवाए। कोरोना की वजह से भारत का घरेलू क्रिकेट भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। संकट के इस समय में हालांकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने घरेलू क्रिकेटरों को राहत दी है।
सौरव गांगुली ने ‘स्पोर्टस्टार’ से बात करते हुए कहा कि, ‘कोरोनावायरस ने हमारी जिंदगी और खेल काे तबाह कर दिया है। हम उम्मीद करते हैं कि इस साल के अक्टूबर महीने तक हालात थोड़े नर्मल हो जाएंगे। हम इस साल जून-जुलाई के दौरान अपने सभी जूनियर खिलाड़ियों, अंपायरों और स्कर्स को उनकी पूरी मैच फीस देने वाले हैं। ‘ गांगुली ने कहा कि इस साल जूनियर खिलाड़ियों का कोरोना महामारी के दौरान खेलने में तेजी भरा साबित हो सकता है।
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उन्होंने बताया कि, ‘एक 16 साल के युवा खिलाड़ी का अपने माता-पिता बगैर घर से दूर लंबे समय तक होटल में रहना आसान नहीं है।’ यह काफी खतरनाक है। हमने इसके मद्देनजर एसोसिएशन से बात की है। इस समय हमारे लिए सभी से व्यक्तिगत तौर पर बात करना संभव नहीं है। इसलिए हम खिलाड़ियों को एसोसिएशन के जरिए लगातार प्रेरित करते रहेंगे। ‘
इस बातचीत में सौरव गांगुली से जब पूछा गया कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बाद आईपीएल के बचे हुए मैच खेले जा सकते हैं। इस पर गांगुली ने कहा, ‘नहीं, भारतीय टीम को 3 वनडे और 5 टी -20 मैचों के लिए श्रीलंका के दौरे पर जाना है। काफी तरह की दिक्कतें होती हैं, जैसे 14 दिन का क्वारंटाइन। यह भारत में नहीं हो सकता है। यह क्वारंटाइन भारत में काफी मुश्किल है। यह कहना बहुत जल्दबाजी होगा कि हम कैसे आईपीएल को पूरा करने के लिए स्विच की तलाश करेंगे। ‘
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