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कोरोना से राहत की कोशिश, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई-जून से मिलेगा दोगुना राशन

कोरोना से राहत की कोशिश, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई-जून से मिलेगा दोगुना राशन

by Sneha Shukla

कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन और पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियों के धीमे होने का सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ रहा है। लिहाजा सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों का दिया जाना आने वाले अनाज की मात्रा दोगुना करने का फैसला किया है। & nbsp; केंद्र सरकार ने मई और जून 2021 के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81 करोड़ राशन कार्ड धारकों को अतिरिक्त पांच किलो चावल और चावल देने के लिए & nbsp; का ऐलान किया है। यह राशन उन्हें पहले से दी जाने वाली अनाज की मात्रा के अतिरिक्त होगा। & nbsp;

राशन कार्ड धारकों को दोगुना राशन मिलेगा

& nbsp; इस योजना के तहत हर महीने पांच किलो मुफ्त अनाज 2 महीने के लिए लगभग 81 करोड़ लोगों को दिया जाएगा। सरकार इस पर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी। फैसले के बारे में बताते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि जब देश को कोरोनावायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ रहा है, तो देश के गरीबों को पोषण मिलना चाहिए पिछले साल कोरोना महामारी को फैलाने से रोकने के लिए लागू किया गया है। लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी। लॉकडाउन में आर्थिक आंदोलनों में बंद होने के बाद & nbsp; प्रवासी मजदूर घर लौट रहे थे तो उस दौरान यह योजना शुरू की गई थी उनके सामने खाने की उपलब्धता की समस्या न हो।

कई राज्यों ने पीएम से। योजना शुरू करने को कहा था & nbsp;

वास्तव उत्तराखंड, केरल, राजस्थान सरकार के साथ ही देश के कई प्रमुखों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और nbsp; कर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को फिर से लागू किया; करने के लिए कहा था। पिछले साल यह योजना काफी लोकप्रिय रही थी। इसके तहत & nbsp; सरकारी गोदाम से उठाया गया पूरा अनाज बांटा गया था। केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने पिछले सप्ताह इस बात के संकेत दिए थे कि & nbsp; सरकार गरीबों को अनाज बांटने की योजना एक बार फिर शुरू कर सकती है। पिछले साल अप्रैल से नवंबर के बीच राज्यों की गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 3.22 करोड़ अनाज उठाया गया था। & nbsp; <वर्ग ="लेख का शीर्षक"> लॉकडाउन से छोटी कंपनियां हो सकती हैं, दिवालिया हो सकती हैं, एनबीएफसी कंपनियों और रेटिंग एजेंसियों ने चेताया है RBI को आर्थिक मोर्चे पर दिख रही है अनिश्चतता, कहा- महंगाई पर अति करना प्राथमिकता

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